इंद्रधनुष में काला, भूरा, स्लेटी रंग क्यों नहीं होते

इंद्रधनुष में काला, ग्रे, भूरा और सफेद रंग क्यों नहीं होता है? सात रंग दिखाई देते हैं लेकिन ये रंग दिखाई क्यों नहीं देते. क्या इन्द्रधनुष में इन रंगों के लिए जगह नहीं थी? या इन्द्रधनुष ने इन रंगों को अपने सात रंगों के परिवार से बाहर कर दिया है?

आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.

इंद्रधनुष के सात रंग होते हैं. यह बात सारी दुनिया जानती है. वे आमतौर पर तब बनते हैं जब बारिश के बाद सूरज निकलता है. जब प्रकाश हवा में पानी के कणों से टकराता है तो एक इंद्रधनुष बनता है. पानी की बूंदे हों या कोहरा. लेकिन इंद्रधनुष में काला, भूरा, ग्रे और सफेद रंग नहीं होता. ऐसा किस लिए

सूर्य से आने वाला प्रकाश हमें सफेद दिखाई देता है. लेकिन यह प्रकाश कई रंगों से मिलकर बना होता है. जब प्रकाश पानी की बूंदों से होकर गुजरता है तो हमें प्रिज्म प्रभाव के कारण सात रंग दिखाई देते हैं. इंद्रधनुष में मौजूद रंगों की तरंग दैर्ध्य अलग-अलग होती है. प्रकाश लहरों की तरह बहता है, समुद्र में लहरों की तरह. इन तरंगों की अपनी लम्बाई-चौड़ाई होती है, इसे तरंगदैर्घ्य कहते हैं.

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इन तरंगों को हम दृश्य स्पेक्ट्रम कहते हैं. अर्थात, इंद्रधनुष में बैंगनी रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है, जबकि लाल रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे लंबी होती है. जब सफेद रोशनी पानी की बूंदों से टकराती है, तो यह अपवर्तित हो जाती है. अर्थात श्वेत प्रकाश की तरंगें सात रंगों में विभाजित होती हैं. साथ ही उनकी दिशा भी बदल जाती है. सभी प्रकाश थोड़ा अपवर्तित होते हैं.

इंद्रधनुष में और भी कई रंग हैं… जानिए कौन से

जब बहुत सारा प्रकाश बहुत सारी बूंदों द्वारा अपवर्तित होता है, तो एक इंद्रधनुष बनता है. तो हमें सात रंग दिखाई देते हैं. ये हैं- लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, नील और बैंगनी. लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. एक इंद्रधनुष कई रंगों से मिलकर बना होता है. यह कहना मुश्किल है कि कौन सा रंग कब शुरू होता है और कब खत्म होता है. जैसे नीला और हरा मिलकर फ़िरोज़ा रंग बनाते हैं. लेकिन हम इस रंग को बहुत करीब से देखेंगे. नहीं तो दिखाई नहीं पड़ता.

एक भूरा रंग दिखाई देता है लेकिन ये दोनों रंग अलग-अलग होते हैं

वास्तव में, हरा और नीला रंग एक दूसरे के करीब होते हैं, इसलिए इंद्रधनुष में फ़िरोज़ा रंग होता है. दरअसल रंगों की दुनिया भी अजीब होती है. अलग-अलग रंग मिलकर अलग-अलग रंग बनाते हैं. जैसे हरा और लाल मिलकर भूरा रंग बनाते हैं. लेकिन एक इंद्रधनुष में, हरे और लाल बैंड बहुत दूर होते हैं, इसलिए वे मिलते नहीं हैं. यही कारण है कि हमें इन्द्रधनुष में भूरा रंग दिखाई नहीं देता. इन्द्रधनुष में दिखाई देने वाले रंगों की पट्टियां यदि आपस में मिल जाएं तो और भी कई रंग देखे जा सकते हैं.

इसलिए काला-सफेद और ग्रे रंग दिखाई नहीं देता

लेकिन दो ही रंग ऐसे हैं, जो आपको इंद्रधनुष में कभी नहीं दिखेंगे. वे ब्लैक एंड व्हाइट हैं. काला रंग का अर्थ है रंगों का अभाव. यानी रोशनी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. रोशनी होगी तो इन्द्रधनुष बनेगा. इसमें रंग होंगे. लेकिन काला नहीं हो सकता. इन्द्रधनुष कभी अँधेरे में नहीं बनता. दूसरा सफेद दिखाई नहीं देता क्योंकि इसमें सभी रंग समाहित हैं. यही है, जब दृश्यमान स्पेक्ट्रम में सभी रंग मिश्रित होते हैं. इसलिए उसे सफ़ेद कहा जाता है.

इन्द्रधनुष में भूरा रंग क्यों नहीं दिखाई देता है. इसका कारण यह है कि ग्रे रंग काले और सफेद रंग के मिश्रण से बनता है. सफेद प्रकाश का प्रतिनिधित्व करता है और काला अंधकार का प्रतिनिधित्व करता है. अब दो रंग आपस में नहीं मिल सकते हैं, इसलिए ग्रे रंग इंद्रधनुष में दिखाई नहीं देता है. क्योंकि इन्द्रधनुष प्रकाश में बनता है. अंधेरे में नहीं. इसलिए काले और सफेद का मिश्रण नहीं हो सकता. तो ग्रे कहाँ दिखेगा

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