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राष्ट्रपति चुनाव में क्या यशवंत सिन्हा को BJP के नेताओं से होगा फायदा!

दिल्ली. राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि वह समर्थन के लिए भाजपा में अपने पुराने साथियों से संपर्क साधने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि उनकी उम्मीदवारी को लेकर दिख रही विपक्षी एकजुटता 2024 के लोकसभा चुनाव तक कायम रहेगी.

‘मौजूदा भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव’

सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रतीकात्मक राजनीति’ का हिस्सा करार दिया और कहा कि वह पिछड़े समुदायों के कल्याण के संदर्भ में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है. उन्होंने कहा, ‘मैं जिस भाजपा का हिस्सा था उसमें आंतरिक लोकतंत्र था, मौजूदा भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है.’ अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि उन्होंने समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क साधने का प्रयास किया था.

भाजपा के पुराने साथियों से संपर्क की कोशिश

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सिन्हा ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री जी के यहां फोन किया था, पूर्व की तरह इस बार भी उनके यहां से वापस कोई फोन नहीं आया. मैंने राजनाथ सिंह को फोन किया था, उनके यहां से फोन आया तो उस वक्त मैं उपलब्ध नहीं हो पाया. बाद में मैंने फोन किया तो उनसे बात नहीं हो पाई. भाजपा में जितने पुराने साथी हैं, सबसे संपर्क करने की कोशिश करूंगा.’

यह विचारधारा का मुकाबला

उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के संदर्भ में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर सवाल खड़ा किया. सिन्हा ने कहा, ‘यह पहचान का मुकाबला नहीं है. यह विचारधारा का मुकाबला है. एक समुदाय से कोई व्यक्ति ऊपर उठ जाए तो पूरा समुदाय ऊपर नहीं उठ जाता. पिछले पांच साल से जो राष्ट्रपति हैं वो भी एक समुदाय से आते हैं, क्या उनके समुदाय की सभी समस्याओं का समाधान हो गया?’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव दो विचारधाराओं के बीच चुनाव है.

‘प्रजातंत्र पंगु हो गया है’

सिन्हा ने कहा, ‘मेरे नाम की घोषणा (द्रौपदी मुर्मू से) पहले हुई थी. राष्ट्रपति पद इतनी गरिमा का पद होता है कि बेहतर यह होता कि सबकी सहमति वाला एक उम्मीदवार होता. सरकार ने सर्वोच्च संवैधानिक पद के चुनाव के लिए सर्वसम्मति बनाने का प्रयास नहीं किया.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मौजूदा समय में प्रजातंत्र पंगु हो गया है. इससे भी बड़ी बात है कि सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. ऐसा तो कभी नहीं हुआ था कि देश के बड़े-बड़े नेता ईडी के दफ्तर में पहुंच रहे हैं और 50 घंटे से अधिक पूछताछ हो रही है. सरकार की मंशा जांच करना नहीं है, बल्कि बेइज्जत करना है.’

राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को

यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार समेत कई प्रमुख विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है. मतगणना 21 जुलाई को होगी. वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.

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