
दुनिया में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी है। चीन और सिंगापुर जैसे एशियाई देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारत के भी कुछ राज्यों में कोरोना के मामले में धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। बीते दिन 22 मई तक देश में करीब 257 एक्टिव केस हैं। दुनिया के कई हिस्सों में जिस तरह से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग भी एक्टिव दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बचाव के लिए तय गाइडलाइन्स का पालन करते रहने की सलाह दी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार दुनियाभर में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। JN.1 प्रमुख वैरिएंट है, इसके अलावा कुछ हिस्सों में LP.8.1 वैरिएंट के कारण भी प्रकोप देखा जा रहा है। भारत में भी JN.1 को ही प्रमुख वैरिएंट माना जा रहा है। कोरोना का यह वेरिएंट इम्यून सिस्टम को कमजोर करने का काम करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने JN.1 को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है। इस वैरिएंट को ज्यादा गंभीर नहीं माना गया है।
महाराष्ट्र्र में 2 की मौत, हरियाणा में 3 मामले आये सामने
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जनवरी से अब तक कुल 6,066 लोगों के ‘स्वैब सैंपल’ की जांच की गई, जिनमें से 106 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें से 101 मामले मुंबई से हैं, बाकी पुणे, ठाणे और कोल्हापुर से हैं। जब डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी आपकी नाक या गले के अंदर से रुई की एक स्टिक (जिसे स्वैब कहते हैं) मदद से थोड़ा सा स्राव (लार) लेते हैं, तो उसे स्वैब सैंपल कहते हैं।