
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) ने देश में हवाई कनेक्टिविटी का नया अध्याय लिखा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, पिछले नौ वर्षों में 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों ने 3.23 लाख उड़ानों के माध्यम से यात्रा की है।
अब तक 649 मार्गों पर उड़ानें शुरू की जा चुकी हैं, जिनसे 93 अनसेवित और कम सेवित हवाई अड्डे, 15 हेलीपोर्ट और 2 वॉटर एयरोड्रोम को जोड़ा गया है।
सरकार ने इस अवधि में एयरलाइन ऑपरेटरों और क्षेत्रीय ढांचे के लिए 4,300 करोड़ रुपये से अधिक की Viability Gap Funding (VGF) जारी की, जबकि 4,638 करोड़ रुपये हवाई अड्डों के विकास पर खर्च किए गए। नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि ‘उड़ान योजना’, जो 21 अक्टूबर 2016 को राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के तहत शुरू की गई थी, ने हवाई यात्रा को आम नागरिक के लिए सुलभ और किफायती बना दिया है।
उन्होंने कहा कि पहली उड़ान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली के बीच शुरू की थी, जिससे क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी के नए युग की शुरुआत हुई। मंत्रालय ने जानकारी दी कि अप्रैल 2027 के बाद भी योजना को विस्तारित फ्रेमवर्क के तहत जारी रखा जाएगा, जिसमें पहाड़ी, उत्तर-पूर्वी और आकांक्षी जिलों से जुड़ाव और लगभग 120 नए गंतव्यों का विकास शामिल है।
हाल ही में अगस्त 2024 में सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और ‘उड़ान 5.5’ नाम से नई बोली प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत 30 वॉटर एयरोड्रोम को जोड़ने वाले 150 मार्गों को अनुमति दी गई है। मंत्रालय के अनुसार, ‘उड़ान’ केवल एक योजना नहीं बल्कि परिवर्तन का प्रतीक है, जो भारत की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि हवाई यात्रा सभी के लिए सुलभ, टिकाऊ और विकास यात्रा का हिस्सा बने।






