
चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि देश में आने वाले कुछ महीनों में कोविड 19 से 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते है.
एनपीआर की रिपोर्ट कहती है कि चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 लाख हो सकती है, लेकिन चीन का मौजूदा आधिकारिक आँकड़ा इस संख्या से बेहद कम है.
चीन के अधिकारियों के मुताबिक़ मंगलवार को संक्रमण से केवल पाँच और सोमवार को दो मौतें हुईं. दरअसल, चीन जिस तरह से कोरोना की मौत को माप रहा है वह तरीक़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के विपरीत है. चीन उन्हीं मौतों को कोविड से हुई मौत मान रहा है, जिनकी मौत सांस की बीमारी से हो रही है.
बुधवार को इसी सबवेरिएंट के तीन मामले भारत में पाए गए. हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि जिन दो लोगों में ये सबवेरिएंट पाया गया था, वो अब ठीक हो चुके हैं.
इस बीच भारत सरकार ने एक बार फिर दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर रैंडम कोरोना टेस्ट शुरू कर दिया है.
समझा जा रहा है कि चीन में ओमिक्रॉन सबवेरिएंड BF.7 के बढ़ते मामले और भारत में भी इस सब वेरिएंट के पाए जाने को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है.
पहले की तरह बरतें सावधानी
डॉक्टर त्रेहन ने कहा, हमारे लिए इससे सतर्क रहना जरूरी है। , जापान वगैरह में कोविड फैल रहा है। हमारी कनेक्टिविटी इन देशों के साथ हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। हेल्थ मिनिस्टर की हाई लेवल मीटिंग भी है। दुनिया में ये जो हो रहा है उसे देखकर हमें जरूर अलर्ट रहना चाहिए। भीड़-भाड़ की जगहों पर न जाएं।