
सुप्रीम कोर्ट से कई दिनों बाद उद्धव ठाकरे समूह को बड़ी राहत की खबर मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पार्टी की चल या अचल संपत्ति को अलग करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इसे नए पार्टी अध्यक्ष को स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए.
गिरी ने कहा था कि याचिका उच्चतम न्यायालय में इसलिए दायर की गयी है क्योंकि उसने ठाकरे तथा शिंदे गुटों के बीच विवाद से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई की है. उन्होंने कहा था पार्टी की संपत्तियां शिंदे गुट को हस्तांतरित की जानी चाहिए. पीठ ने कहा, ‘‘यह किस तरह की याचिका है और आप कौन हैं? आपके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता.”
वकील आशीष गिरि ने अपनी याचिका में ठाकरे समूह को पार्टी फंड ट्रांसफर करने से रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देने की मांग की थी.
उच्चतम न्यायालय ने 16 मार्च को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुटों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. निर्वाचन आयोग ने पार्टी का चिह्न धनुष-बाण शिंदे गुट को दे दिया है और यह मुद्दा अभी न्यायालय के विचाराधीन है.