रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का आयोजन चल रहा है। इस महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए विभिन्न राज्यों से कलाकार पहुंचे हुए है। आज राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का तीसरा दिन है। वहीं बंजाल से ए कलाकारों ने सुमधुर बांग्ला भाषा में कथा की प्रस्तुति दी। यह भारत की अद्भुत सांस्कृतिक एकता है। बंगाल से कृतिवास से लेकर तमिल के कम्बन तक सबके सृजन की भूमि एक ही है।यह मूल रूपअनुवाद से कृतिवास के रामायण पर आधारित है। यह वाल्मीकि का ही नहीं है अपितु उनकी कल्पनाशीलता भी इसमें है। बता दे की कृतिवास ने श्रीराम के कोमल पक्षों को उभारा है, वे बहुत भावुक हैं और चूंकि अरण्य कांड में सीता हरण जैसे कारुणिक प्रसंग हैं। अतएव यह भावुकता इस कथा में स्पष्ट रूप से उभरती है।
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