
नई दिल्ली . तीनों सेनाओं में महिलाओं के लिए कई शाखाओं के दरवाजे खोलने से अब उनकी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हो रही है. सेना में जहां 12 नई शाखाएं महिला अधिकारियों के लिए खोली गई हैं, वहीं नौसेना एवं वायुसेना में महिला अग्निवीरों के भर्ती से उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है.
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद में दी गई जानकारी में बताया कि मेडिकल, डेंटल और नर्सिग कोर के अलावा 12 और नई शाखाओं में महिला अधिकारियों को मौके दिए जा रहे हैं. वहीं निचले रैंक में महिला पुलिस की भर्ती हो रही है. मौजूदा समय में सेना में 1733 अधिकारी एवं 100 महिला मिलिट्री पुलिसकर्मी तैनात हैं. यह संख्या पहले की तुलना में बढ़ी है. इसके अलावा 2022 से एनडीए में महिला उम्मीदवारों को भी मौके दिए जा रहे हैं तथा 2025 से उनके पहले बैच की सेना में एंट्री हो जाएगी. इसी प्रकार वायुसेना में मौजूदा समय में 1654 अफसर हैं तथा 115 वायुसैनिक यानी अग्निवीर हैं. नौसेना में 580 अधिकारी तथा 726 नाविक अग्निवीर हैं. थल सेना ने अभी महिला अग्निवीरों के लिए दरवाजे नहीं खोले हैं. हालांकि, मिलिट्री पुलिस में हर साल 100 महिलाओं की भर्ती की योजना पर कार्य चल रहा है.
वायुसेना में अग्निवीर श्रेणी में 20 प्रतिशत तक सीट आधी आबादी के लिए आरक्षित करना अभूतपूर्व है, उत्साह को दोगुना करने वाला है. अलग-अलग शहरों में भर्ती के लिए बेटे ही नहीं, बेटियां भी अब बढ़-चढ़ कर पसीना बहा रही हैं, तैयारी में जुटी हैं. बेटियों के प्रति सोच में यह परिवर्तन कई पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है. आवेदन प्रक्रिया शुरू होते ही हजारों बेटियों ने जिस तरह आवेदन किया, यह सुशिक्षित समाज की ओर अग्रसर होते देश का आईना है. बेटियां भविष्य को देख रही हैं, तभी उनके स्वाभिमान के संघर्ष की राह अब स्वावलंबन की ओर बढ़ चुकी है.
सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
सेना के तीनों अंगों में बीते कुछ वर्षों से जितनी तेजी से आधी आबादी की भागीदारी बढ़ी है, वह भी सामाजिक परिवर्तन को प्रमाणित करती है. अग्निवीर के तौर पर सेवा देने के बाद अपने घर लौटकर आने वाली बेटियां परिवार को, समाज को सुशिक्षित करेंगी. पूर्व एयर वाइस मार्शल एके सिंह मानते हैं कि वायुसेना में लड़कियों के लिए खूब अवसर हैं. नागरिक उड्डयन के लिए मौसम संबंधी कार्यों में अपनी सेवाएं दे सकती हैं.