
बेंगलुरु . चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव पर तत्वों का पता लगाया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को बताया कि प्रज्ञान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सल्फर होने की पुष्टि की है.
सितु प्रयोग के तहत प्रज्ञान रोवर में मौजूद इन्ड़्युज्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) ने ये जानकारी साझा की है. इसरो का कहना है कि चंद्रयान का प्रज्ञान रोवर अभी चांद की सतह पर मौजूद अन्य तत्वों की जानकारी जुटा रहा है.
हाईड्रोजन की तलाश जारी इसरो के अनुसार, चांद की सतह पर उम्मीद के मुताबिक कैल्शियम, एल्युमिनियम, आयरन, क्रोमियम, मैगनीज और सिलिकॉन के साथ ऑक्सीजन का भी पता चला है. इसरो के अनुसार, एलआईबीएस पेलोड अब हाइड्रोजन की तलाश में जुटा हुआ है.
एलईओएस ने डिजाइन किया एलआईबीएस को बेंगलुरु स्थित लैबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम (एलईओएस) ने तैयार किया है. मालूम हो कि इसी संस्था ने 1975 में पहली बार भारत के लिए पहला उपग्रह बनाया था. ये संस्था अंतरिक्ष मिशन से जुड़े अहम सेंसर डिजाइन करती है.
इस तरह लगाया गया पता इसरो के अनुसार, एलआईबीएस तीव्र विकिरण के जरिए चांद की सतह पर मौजूद रसायनों का पता लगाने में जुटा है. चांद पर मौजूद मिट्टी और चट्टानों के अंशों में तीव्र विकिरण के माध्यम से रसायनों का पता लगाने की प्रक्रिया जारी है.
सल्फर मिलने के मायने
चांद और पृथ्वी के बनने में समानता की वजह से माना जाता रहा है कि दोनों की बनावट भी मिलती-जुलती है. वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर मौजूद धातु भंडार के विश्लेषण से पता चलता है कि सतह पर सल्फर की मौजूदगी, उसकी गहराई में अन्य धातुओं की उपस्थिति का संकेत हो सकती है. नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया था कि चंद्रमा की चट्टानों में सल्फर हो सकता है. अब पहली बार भारत के चंद्रयान 3 ने इसकी पुष्टि की है.