
प्रयागराज. संगम नगरी के नीले आसमान में रविवार को भारतीय परंपरा का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. राष्ट्ररक्षा की कमान राफेल को सौंपकर मिग-21 रविवार को किसी एयर शो में आखिरी उड़ान भरेगा. इसी के साथ धीरे-धीरे भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े से इसकी विदाई हो जाएगी.
शुक्रवार को रिहर्सल के दौरान भी यह भावुक और रोमांच से भरने वाला दृश्य दिखा. मिग-21 और राफेल जब एकसाथ आसमान में नजर आए तो कमेंटेटर ने बताया कि नई पीढ़ी के लड़ाकू राफेल विमान को देश की सुरक्षा की कमान सौंपकर रूस निर्मित मिग-21 किसी एयर शो में आखिरी बार दिखाई पड़ रहा है. 2019 में ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान (तब विंग कमांडर) ने मिग-21 बाइसन उड़ाते समय पाकिस्तान वायु सेना के एफ-16 विमान को मार गिराया था. मिग-21 को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. ये विमान 2025 तक वायुसेना के बेड़े से बाहर हो जाएंगे. रक्षा मंत्रालय के पीआरओ ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने कहा हवाई प्रदर्शन में इन विमानों को संगम के ऊपर उनकी आखिरी उड़ान के साथ औपचारिक विदाई दी जाएगी. 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान, मिग-21 ने युद्ध को भारत के पक्ष में झुकाने में अहम भूमिका निभाई. 1965 के युद्ध और 1999 में कारगिल संघर्ष में भी मिग-21 भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हुआ.
वायुसेना को 72 साल बाद नया ध्वज मिलेगा
एयरफोर्स डे पर रविवार को बम्हरौली में होने वाली परेड में भारतीय वायुसेना को 72 साल बाद नया ध्वज मिलेगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान की मौजूदगी में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी नए ध्वज का अनावरण करेंगे.
एयरशो में 80 साल पुराने विमान लगाएंगे चार-चांद
लड़ाकू, परिवहन विमानों के अलावा 80 साल पुराने विंटेज विमान भी एयरशो में चार चांद लगाएंगे. टाइगर मोथ एचयू-512 और हार्वर्ड ट्रेनर एचटी-291 भी वायु प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आए हैं. ये विमान 1940 के दशक में प्रशिक्षण के लिए उपयोग में लाए जाते थे.





