
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब तक की सबसे बड़ी धान की खरीदी हुई है. एक नवंबर से 04 फरवरी तक चले इस अभियान में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों से 144.92 लाख टन धान की खरीदी की गई है. छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद अब तक हुई यह सबसे बड़ी धान खरीदी है. इस वर्ष 130 लाख टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया था. इस साल की धान खरीदी की तुलना करने पर यह पिछली धान खरीदी से 37.39 लाख टन अधिक है. पिछले साल 107.53 लाख टन धान की खरीदी हुई थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की गई. किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान की खरीदी की गई है. वर्तमान में किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है. जल्द ही अंतर की राशि का भुगतान किसानों को किया जाएगा. धान खरीदी सीजन में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों से 144.92 लाख टन धान की खरीदी की गई है. इसके एवज में किसानों को 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया गया है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी. ऐसे किसान जो किन्हीं कारणों से 31 जनवरी तक धान नहीं बेच पाए थे, उन किसानों को मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील फैसले का लाभ मिला. धान खरीदी के लिए बढ़ाई गई अवधि में 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं. 1 फरवरी से लेकर 4 फरवरी के बीच 2.69 लाख टन धान की खरीदी हुई.
राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान का उपार्जन अनुमानित था. धान की रिकॉर्ड खरीदी के चलते अनुमानित उपार्जन का आंकड़ा काफी पीछे छूट गया है. इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था. पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था. धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है. उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.36 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 98.41 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है.