
संदेशखाली में महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के मामले के मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी हो चुकी है. वह कई दिनों से फरार चल रहा था. बीजेपी ने टीएमसी की सरकार पर शेख को बचाने का आरोप लगया था. शाहजहां खान को उत्तर 24 परगना जिला से पश्चिम बंगाल पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि टीएमसी नेता करीब 57 दिनों से फरार था.
गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए न्यूज एजेंसी एएनआई ने मिनाखान के एसडीपीओ अमीनुल इस्लाम खान के हवाले से कहा कि टीएमसी नेता शेख शाहजहां को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से गिरफ्तार किया. उसे बशीरहाट कोर्ट ले जाया गया.
शाहजहां शेख को बचाने का आरोप
संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को लेकर बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया था टीएमसी नेता कल रात से बंगाल पुलिस की सुरक्षित हिरासत में हैं. वहीं सत्तारूढ़ टीएमसी ने शुभेंदु के दावे को निराधार और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाला बताते हुए खारिज कर दिया था. टीएमसी ने जोर देते हुए कहा कि पुलिस शेख को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
हिरासत में सुखी है शाहजहां शेख: शुभेंदु
नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर दावा किया कि शेख मध्यरात्रि 12 बजे से पुलिस हिरासत में है. अधिकारी ने कहा, ”प्रभावशाली मध्यस्थों के माध्यम से पुलिस के साथ समझौता कर शेख को बरमाजुर ग्राम पंचायत से ले जाया गया. शेख को पुलिस और न्यायिक हिरासत के दौरान उचित देखभाल के समझौते के तहत हिरासत में लिया गया.”
उन्होंने दावा किया, ”शेख को सलाखों के पीछे रहने के दौरान पांच सितारा होटल वाली सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और उसे एक मोबाइल फोन भी दिया जाएगा, जिसके माध्यम से वह टीएमसी के नेताओं से संपर्क कर सकेगा. और तो और शेख को वुडबर्न वार्ड (सरकारी एसएसकेएम अस्पताल) में एक बिस्तर भी उपलब्ध कराया जाएगा अगर वह वहां कुछ समय बिताना चाहें तो बिता सकता है, जिसे तैयार कर खाली रखा गया है.”
CBI-ED भी शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर सकती: HC
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया था कि संदेशखाली में महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के मामले के मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा सीबीआई और ईडी भी गिरफ्तार कर सकती है. राज्य महाधिवक्ता की अर्जी पर अदालत ने 26 फरवरी को जारी अपने आदेश को स्पष्ट किया, जिसमें पुलिस को शेख की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत ने सात फरवरी के अपने आदेश में केवल ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए एकल पीठ द्वारा सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस के संयुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन पर रोक लगाई थी.






