
रायपुर. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रथम चरण की लॉटरी में अब तक 3462 बच्चों का चयन किया गया है. वहीं दूसरी ओर 3510 आवेदन रद्द किए गए हैं. निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2024-25 में प्रवेश के लिए आवेदनों की बाढ़ आ गई है. प्रथम चरण में प्रवेश के लिए 4293 सीटों के विरुद्ध कुल 13056 आवेदन प्राप्त हुए. दुर्ग जिले के 528 निजी स्कूलों में गरीब और मध्यम तपके के बच्चों को प्रवेश दिए जाने आवेदन की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हुई है. 15 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए. निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए आरटीई पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मंगाई जाने की प्रक्रिया है.
संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आरटीई के तहत प्रवेश की कार्रवाई के संबंध में जारी शेड्यूल के तहत प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
डीपीआई के संचालक द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत नोडल अधिकारी की जानकारी, क्षेत्र का निर्धारण, मान्यता संबंधी कार्रवाई, आरक्षित सीटों का निर्धारण, प्रवेश व सूचना के लिए आवेदन प्राप्त करना, आवेदन पत्रों की समीक्षा, प्रचार-प्रसार, आवंटन प्रक्रिया, शुल्क की प्रतिपूर्ति तथा प्रकिया का संपादन किया जाना है.
कुल अपूर्ण आवेदनों की सख्या 2975
दुर्ग जिला शिक्षा विभाग के आरटीई प्रभारी अधिकारी अमित घोष ने बताया कि राज्य पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले के 2975 आवेदन अपूर्ण पाए गए हैं. वहीं मिलता जुलता आवेदनों की संख्या 292 है. उन्होंने बताया कि 2817 बच्चों को सीट आवंटित नहीं की गई है.
15 अप्रैल तक आवेदन लेने के बाद 18 अप्रैल से 17 मई तक नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच की गई. इसके बाद लॉटरी से बच्चों की चयन प्रक्रिया तथा 1 से 30 जून के बीच स्कूल दाखिला संबंधी कार्रवाई होगी. द्वितीय चरण में प्रवेश के लिए 15 जून से शुरू होगा. 15 से 30 जून तक नवीन स्कूलों के पंजीयन संबंधी आवेदन लिए जाएंगे, जिसका सत्यापन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा. द्वितीय चरण में प्रवेश के लिए आवेदन 1 से 8 जुलाई तक लिया जाएगा.