
Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव की आहट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच की दूरी अब एक बड़ी चर्चा का विषय बन गई है। राहुल गांधी और केजरीवाल के बीच पिछले कुछ समय से बढ़ती दूरी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं।
इसकी शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस और AAP के बीच हरियाणा चुनाव में गठबंधन नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने AAP को तवज्जो नहीं दी, जिससे दोनों पार्टियों के रिश्तों में खटास आ गई। इसके बाद, दिल्ली में लोकसभा चुनाव के परिणाम भी इस दूरी के कारण बने, क्योंकि कांग्रेस और AAP दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद रहे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी अब खुद मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। कांग्रेस ने ‘न्याय यात्रा’ के तहत दिल्ली की 50 विधानसभा सीटों में प्रचार शुरू कर दिया है। कांग्रेस का उद्देश्य इस यात्रा के माध्यम से केजरीवाल की सरकार को घेरना है। राहुल गांधी अगले सप्ताह से इस यात्रा में शामिल होंगे, और पार्टी की योजना है कि वे दिल्ली की सड़कों पर आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार पर हमला बोलें।
इस बीच, दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों अपने-अपने चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं। AAP दिल्ली में “6 फ्री की रेवड़ियों” के वादे को लेकर चर्चा कर रही है, जबकि बीजेपी घर-घर संकल्प पत्र लेकर लोगों से राय ले रही है। कांग्रेस का दावा है कि वे दिल्ली में पारदर्शी प्रशासन, भ्रष्टाचार-मुक्त वातावरण और जन लोकपाल जैसे मुद्दों को सामने लाएंगे।
इन घटनाक्रमों से साफ है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और केजरीवाल के बीच की दूरी अब चुनावी संघर्ष का हिस्सा बन गई है, और दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे को कमजोर करने के लिए हर रणनीति अपना रही हैं।