
Delhi: दिल्ली में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक गर्माहट तेज़ हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर मतदाताओं के नाम हटाने के मुद्दे पर चिंता जताई है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दलितों, अनुसूचित जातियों और पूर्वांचलियों सहित हाशिए पर पड़े समुदायों के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश कर रही है।
केजरीवाल ने चुनाव आयोग से अपील की कि वे आगामी चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर नाम काटे जाने की प्रक्रिया को रोकें, और उन्होंने चुनाव आयोग से यह आश्वासन भी लिया कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए जो संदिग्ध अनुरोध किए जा रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन दिल्ली भाजपा ने आप के आरोपों का कड़ा जवाब दिया है। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल चुनावों में अपनी हार को छिपाने के लिए बहाने ढूंढ रहे हैं और अवैध मतदाताओं के नाम हटाने का अभियान जारी रहेगा। भाजपा ने यह भी कहा कि केजरीवाल को डर है कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में हार सकती है, इसीलिए वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
यह मुद्दा केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से कहीं बढ़कर है। भाजपा का दावा है कि अवैध मतदाताओं के नाम हटाना चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा है, जबकि आप इसे साजिश और असंवैधानिक कदम बता रही है। चुनाव आयोग की भूमिका अब अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि यह तय करेगा कि क्या अवैध मतदाताओं के नाम हटाना वाकई चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करता है या नहीं।
दिल्ली में यह राजनीतिक घमासान आगामी चुनावों के दृष्टिकोण से और भी दिलचस्प हो गया है, जहां दोनों पक्ष अपनी जीत की संभावना को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियां बना रहे हैं।