
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को एक बड़ी सफलता मिली है. इसरो के वैज्ञानिकों ने डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना के साथ आज कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में दोबारा प्रयोग में लाए जा सकने वाले लॉन्च व्हीकल स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX) का सफलतापूर्वक संचालन किया.
ISRO के अनुसार, इस रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनॉमस लैंडिग मिशन को आज सुबह कर्नाटक के चित्रदुर्ग के एटीआर से संचालित किया गया. बता दें कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के सहारे रॉकेट को दोबारा लॉन्च किया जा सकता है.
इसके कुछ देर बाद वह लैंडिंग गियर के साथ खुद ही एटीआर में लैंड किया. बता दें कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के सहारे हम रॉकेट को दोबारा लॉन्च कर सकते हैं. ISRO का सबसे भारी LVM-3 रॉकेट लॉन्च, 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट के साथ रवाना
इस दिशा में यह वाकई एक बड़ा कदम है. इसरो प्रमुख सोमनाथ ने भी कहा था कि आने वाले दिनों में इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कामयाबी हासिल करेगा. वह अधिक से अधिक अनुसंधान और उसके डेवलपमेंट पर ध्यान देगा. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने पहले RLV-TD HEX-01 मिशन की शुरुआत 2016 में की थी. वहीं, RLV LEX की शुरुआत 2019 में हुई थी. Gaganyaan की सुरक्षा के लिए ISRO का बड़ा टेस्ट, रेलवे ट्रेक पर किया पैराशूट का परीक्षण .