
नई दिल्ली . दूरसंचार कंपनियां अपनी सेवाओं के नाम पर अक्सर ग्राहकों से ज्यादा पैसा वसूलती हैं, लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई जल्द ही नया नियम ला रहा है.
इस नियम के तहत अगर ग्राहकों से ओवरचार्ज यानी ज्यादा पैसा वसूल करने का मामला सामने आता है, तो उन्हें ये पैसा ग्राहकों को वापिस करना होगा. नए नियमों के तहत दूरसंचार कंपनियों की मीटरिंग और बिलिंग व्यवस्था का ऑडिट कराया जाएगा.
साधारण शब्दों में कहें, तो कंपनियों की जांच की जाएगी कि कहीं उनकी तरफ से ग्राहकों से रिचार्ज और डाटा के नाम पर ज्यादा पैसे तो नहीं लिए जा रहे. अगर ऐसा पाया जाता है तो टेलीकॉम कंपनियों को उसकी जानकारी ट्राई को एक हफ्ते के भीतर देनी होगी. साथ ही तीन माह के अंदर ग्राहकों को पैसा लौटाना होगा. बता दें कि ट्राई की ओर से हाल ही में नए नियमों का जिक्र किया गया था.
कैसा होता है आडिट
सरकार की तरफ से कई संस्थाओं की सालाना ऑडिट यानी उनकी जांच की जाती है, जिससे वो पारदर्शी तरीके से कामकाज करें. आरोप था कि बिजली कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा चार्ज वसूलती है, जिसे लेकर बिजली कंपनियों की ऑडिट की बात कही गई थी. उदाहरण के लिए कैग भी एक संस्था है, जो सरकारी खर्चों के पैसे के इस्तेमाल की जांच करती है, जिसे ऑडिट कहा जाता है.
50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा
ट्राई के नए नियमों के मुताबिक, सभी टेलीकॉम कंपनियों को सालाना आधार पर अपनी एक्शन रिपोर्ट ट्राई के सामने पेश करनी होगी. अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो उस पर 50 लाख रुपये का तक जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सालाना रिपोर्ट 15 अप्रैल तक जमा करनी होगी.