
नई दिल्ली . बढ़ती महंगाई को काबू करने के दबाव को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर से ब्याज दरें बढ़ा सकता है.
अगले हफ्ते रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक है और 6 अप्रैल को इसके नतीजों के ऐलान होना है. विशेषज्ञों का आकलन है कि आरबीआई आने वाले महीनों के लिए रेपो रेट में इजाफा कर सकता है. आरबीआई के इस फैसले से कर्ज पर ईएमआई बढ़नी तय मानी जा रही है.
रिजर्व बैंक के फैसले से पहले तमाम वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मार्च महीने में 0.25 फीसदी ब्याज दरें बढ़ाई है. पिछले एक साल में ये दरें बढ़कर 5 फीसदी तक हो गई हैं. वहीं यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने इसमें 0.50 फीसदी इजाफा कर दरों को 3 कर दिया है. बैंक ऑफ इंग्लैंड की बात की जाए तो वहां ये दरें चौथाई फीसदी बढ़कर सवा चार फीसदी हो गई है.
आंकड़ों के मुताबिक अभी भी महंगाई काबू में नहीं है और आने वाले दिनों में मौसम के असमान रहने से इसपर और दबाव देखा जा सकता है. पिछले साल दिसंबर महीने में भले ही महंगाई 6 के नीचे 5.9 पर पहुंच गई हो, लेकिन जनवरी से ये फिर बढ़ने लगी है. जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई बढ़कर 6.5 और फरवरी में 6.4 फीसदी पर पहुंच गई थी.
केयर रेटिंग की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि मार्च और अप्रैल के महीनों में महंगाई के घटने के आसार तो जरूर हैं, लेकिन उसके बाद आने वाले महीनों में मौसम के असमान रहने से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. ऐसे में रिजर्व बैंक अभी से सतर्कता भरे कदम उठाकर भविष्य के जोखिम को कम करने की दिशा में कदम उठाएगा. यानी दरें में बढ़ोतरी तय है.