छत्तीसगढ़

वन भूमि का पट्टा देने में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य

aamaadmi.inछत्तीसगढ प्राकृतिक वन संपदा से सम्पन्न है और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी समुदाय के लोगों को राज्य में एक अलग पहचान हैं. यहां की पहचान लोक कला, संस्कृति, रीति रिवाज, नृत्य महोत्सव अपनी गौरवशाली संस्कृति को बनाकर रखी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को सभी अधिकार देने की पहल शुरू की . वनांचल क्षेत्र में बरसों से रहने वाले आदिवासी परिवारों को 59 हजार 791 वन अधिकार पत्र दिया गया है. ताकि अपनी काबिज भूमि में खेती-बाड़ी कर आर्थिक तरक्की कर सकें. मुख्यमंत्री ने किसानों की जमीन वापसी, तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 रूपए प्रति मानकर बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करके किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है. वेल्यू एडीशन करके न सिर्फ़ वनवासियों की आय में बढ़ोतरी की है, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी निर्माण किया है. छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के जुड़े हर मसले को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निराकरण करने के साथ उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रही है.

राज्य में लगभग पौने पांच वर्ष में 59 हजार 791 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं, जिसका कुल रकबा 33,238.504 हेक्टेयर है. इसी प्रकार 25 हजार 109 सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किए गए है, जिसका कुल रकबा 11,81,587.935 हेक्टेयर है. देश में सर्वप्रथम नगरीय क्षेत्र में व्यक्तिगत वन अधिकार सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्रदाय करने की कार्यवाही छत्तीसगढ़ राज्य में की गई. इसके साथ ही विभिन्न जिलों में अब तक 3,964 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य किए गए हैं, इनका कुल रकबा 17,292,37.103 हेक्टेयर है. राज्य में अब तक विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को 23 हजार 571 लोगों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, जिनका 19,124.408 हेक्टेयर वन भूमि, इसी प्रकार 2360 सामुदायिक वन अधिकार पत्र पर कुल रकबा 1,22,679.174 हेक्टेयर और 184 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र दिया गया है जिसका कुल रकबा 1,44,525.947 हेक्टेयर प्रदान किया गया.

वन अधिकार पट्टाधारी वनवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके पट्टे की भूमि का समतलीकरण, मेड़बधान, सिंचाई की सुविधा के साथ साथ,खाद बीज एवं कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराएं जा रहे हैं. वन भूमि पर खेती करने वाले वनवासियों को आम किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है. वनांचल में कोदों, कुटकी, रागी की बहुलता से खेती करने वाले आदिवासियों को उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान है, इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी लाभ इन्हें दिया जा रहा है.

 

aamaadmi.in
join whatsapp channel

delhi news today | cm delhi news | aap party delhi news | bjp party delhi news | congress party delhi news | air quality index delhi news | ani delhi news | ians delhi news today | PTI delhi news | delhi news crime | arvind kejariwal news | delhi news english | chhattisgarh news today | chhattisgarh news accident | chhattisgarh news aaj ki taaja khabar | aaj ka chhattisgarh news | aaj ki chhattisgarh news | bjp party chhattisgarh news | chhattisgarh news raipur | vishnudev say news chhattisgarh | chhattisgarh news channel samachar | छत्तीसगढ़ न्यूज़ चैनल | cg chhattisgarh news | congress chhattisgarh news | daily chhattisgarh news | dpr chhattisgarh news | digital chhattisgarh news | chhattisgarh news english | chhattisgarh news epaper | chhattisgarh news election | chhattisgarh news ed


aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
विराट कोहली की सेंचुरी से खुश हुए पाकिस्तानी भारत बनाम पाकिस्तान, हेड टू हेड रिकॉर्ड पाकिस्तान में बजा भारत का राष्ट्रगान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत का शेड्यूल