
रायगढ़. सहकारिता उप पंजीयक पर समितियों से चढ़ावा लेने के आरोप की जांच करने के लिए आदेश जारी हुए दो माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन जांच रिपोर्ट का पता नहीं है. इसको लेकर कलेक्टर ने जांचकर्ता अधिकारी को नोटिस भी जारी किया लेकिन इसके बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया है.
जिले के खरसिया, लैलूंगा, रायगढ़, घरघोड़ा, तमनार और पुसौर विकासखंड क्षेत्र के प्रबंधकों ने कलेक्टर को लिखीत में शिकायत किया है. उक्त शिकायत में उप पंजीयक सहकारिता पर आरोप लगाया है कि समितियों में क्रय किए गए धान के एवज में प्रति क्विंटल के हिसाब से चढ़ावा की मांग की गई है. कई समितियों से उक्त चढ़ावा मताहत कर्मचारियों के माध्यम से लिए जाने की बात भी सामने आई है. समिति प्रबंधकों ने मौखिक रूप से यह भी बताया कि दो महिला कर्मचारियों के माध्यम से इस काम को अंजाम दिया गया है. इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर राजीव पांडेय को जांच करने के लिए निर्देश दिया था, लेकिन मार्च माह में हुई शिकायत के बाद अब तक उक्त मामले में जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हुआ. जिसके कारण अभी तक इस मामले में न तो कोई कार्रवाई हुई है न ही शिकायत की वास्तिवक्ता सामने आ पाई है. इस मामले में कलेक्टर ने नोटिस जारी कर रिपोर्ट पेश करने कहा है लेकिन इसके बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है. अधिकांश तौर पर यह देखने को मिल रहा है कि संबंधित जांचकर्ता अधिकारी को दो से तीन शिकायतों में जांच का जिम्मा मिला ह्रै, लेकिन हर जांच कछूए की चाल से चलती है. जानबूझकर जांच को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जाता है.
जांच पर उठ रहा सवाल
गंभीर मामले में कलेक्टर के निर्देश के बाद भी जांचकर्ता अधिकारी द्वारा जांच में इतना देरी करना लोगों के बीच कई तरह के सवाल को जन्म दे रहा है. इसके पूर्व में बजरमुड़ा मामले में भी संबंधित अधिकारी जांच रिपोर्ट को लेकर विवाद से घिरे हुए हैं. बिना शिकायकर्ता के बयान के ही रिपोर्ट तैयार कर दिया गया है.