
दुर्ग शहर के सबसे व्यस्त बाजार इंदिरा मार्केट स्थित निगम की 1819 दुकानों को फ्री होल्ड किया जाएगा. इसे लेकर निगम ने तैयारी शुरू कर दी है. इससे सभी लीजधारकों को दुकान के मेंटेनेंस के लिए स्वतंत्र अधिकार मिल सकेगा. वर्तमान में निगम की निर्भरता है. इस वजह से दुकानों का लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हो पाया है. दुकानें काफी जर्जर हो चुकी है. पूरे इंदिरा मार्केट में वकील काम्प्लेक्स, प्रेस काम्प्लेक्स, व्यावसायिक काम्पलेक्स का आवंटन किया गया है. लगभग सभी दुकानें जर्जर हो चुके हैं. निगम ने यह भी तैयारी की है कि लीजधारक और किराएदार पर निर्भर होगा कि वह चाहे तो दुकान को फ्री होल्ड कराए. इसके अलावा पूरी बिल्डिंग जर्जर होने की दशा में निगम उसे तोड़कर पुन: दुकान बनाकर उन्हें आवंटित करने के भी तैयारी में है. इस पर भी चर्चा जारी है. इधर नलघर और गंजपारा काम्पलेक्स में खाली पड़ी आवंटन को लेकर पांचवीं बार नीलामी निकाली गई है.
इंदिरा मार्केट काम्पलेक्स जर्जर, मेंटेनेंस तक नहीं इंदिरा मार्केट का काम्पलेक्स करीब 35 साल पहले बनाया गया. करीब 1819 दुकानों का निर्माण किया गया. वर्तमान में यह पूरा बाजार के रूप में विकसित हो चुका है. निगम के निर्माण के बाद कुछ ही दुकानों व सार्वजनिक स्थलों पर बिल्डिंग का मेंटेनेंस कराया. इसके अलावा कुछ लोगों ने दुकान का नियम विरुद्ध स्वरूप भी बदल लिया है, जिन पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई. वर्तमान में निगम ने फ्री होल्ड करने के साथ ऐसी सारी दुकानों का सर्वे कराना भी तय किया है. जल्द ही इसकी भी प्रक्रिया शुरू होनी है.
10 करोड़ से ज्यादा खर्च कर बनाई गई दुकानें निगम ने पुरानी गंजमंडी और नलघर काम्पलेक्स के निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किया. दुकान के निर्माण को लेकर लगातार घटिया होने की शिकायत भी हुई. यहां तक नजूल के जमीन का हस्तांतरण भी नहीं कराया गया. इस वजह से दुकानों के आवंटन को लेकर लोगों द्वारा रूचि नहीं ली जा रही. वर्तमान में पुन: आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई है. इसके लिए 7 तक आवेदन और 8 को ड्रा निकालना तय किया है.
8 सितंबर को ड्रा के माध्यम से होगा आवंटन पुरानी गंजमंडी और नलघर काम्पलेक्स में बनाई गई दुकानों के आवंटन के लिए 7 सितंबर तक आवेदन किया जा सकता है. आरक्षण के आधार पर दुकानों का आवंटन होना है. 300 रुपए आवेदन फार्म और ऑफसेट प्राइज का 10 प्रतिशत जमा करना होगा. वर्तमान में पुरानी गंजमंडी में 74 दुकानों में से 7 दुकानें आवंटित हुए हैं. वहीं नलघर काम्पलेक्स की 44 में सिर्फ 6 दुकानें आवंटित हुई हैं. 4 बार नीलामी के बाद यह स्थिति है. इसे देखते हुए पुन: निगम ने नीलामी के माध्यम से दुकानों का आवंटन तय किया है.