
हाईकोर्ट ने निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री बांटने के मामले में दायर जनहित याचिका मामले में मैट्स और आईएसबीएम को जवाब देने 2 नवम्बर तक अंतिम समय दिया है. डिग्रियों की जांच में गड़बड़ी पाने के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग द्बारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में दोनों विश्वविद्यालयों के खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने दोनों विश्वविद्यालयों के खिलाफ की गई जांच की रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की है.
बता दें, कि रायपुर निवासी संजीव अग्रवाल व अन्य ने मैट्स और आईएसबीएम विश्वविद्यालयों के ऊपर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में बताया गया है कि दोनों यूनिवर्सिटी अपने स्थापना के समय से ही फर्जी डिग्रियां बांटते आ रहे हैं. याचिकाकर्ता संजीव अगवाल ने 7 जून 2021 को उच्च शिक्षा विभाग को दोनों यूनिवर्सिटीज के खिलाफ शिकायत सौंपी थी. इसको लेकर गठित कमेटी ने शिकायत की,और जांच के बाद सभी आरोप सही पाए गए.
बता दें कि यह मामला कई दिनों से हाईकोर्ट में लंबित था जिसकी अंततः शुक्रवार को सुनवाई हुई. कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मैट्स विश्वविद्यालय और आईएसबीएम विश्वविद्यालय प्रबंधन को अपना अंतिम जवाब देने का मौका दिया है. कोर्ट ने 2 नवंबर तक दोनों को अपना जवाब पेश करने को कहा है. दोनों ही संस्थानों पर फर्जी डिग्रियां बांटने का गंभीर आरोप लगा है.
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