
जशपुर, छत्तीसगढ़: फलदार पौधों की खेती के नाम पर एक रिटायर्ड शिक्षक से 11 लाख रुपये की ठगी की गई। यह मामला पिछले साल 23 अक्टूबर को सामने आया था, जब शिक्षक लिबनुस बेक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी, जो जुलाई में उनके घर आए थे, ने नर्सरी से कम कीमत में केला और पपीता के पौधे लगाने का झांसा दिया था।
छत्तीसगढ़ के जशपुर से ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. जिले में रिटायर्ड शिक्षक के साथ फल के पौधे (Fruits Plant) लगाने के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. एसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि भुड़केला गांव निवासी रिटार्यड शिक्षक लिबनुस बेक ने थाने में पिछले साल 23 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वह अप्रैल 2023 में रिटायर हुए थे. रिटायरमेंट में उन्हें जो पैसा मिला था, उसे घर में रखा हुआ था. इसके बाद जुलाई माह में दो अज्ञात व्यक्ति उसके घर आए और बताया कि लोदाम स्थित नर्सरी से पौधा रोपण का कार्य करना है और कम कीमत में केला और पपीता (Banana and Papaya) का पौधा लगा देंगे. उन्होंने लोदाम में पौधा सहित नर्सरी डेवलप कर देने का झांसा दिया और कम कीमत में केला और पपीता का पौधा लगा देंगे कहकर लालच दिया. इसके बाद से दोनों आरोपी फरार थे, जिन्हें अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
ठगी की प्रक्रिया:
- पैसा मांगना: आरोपियों ने पौधों का बीमा कराने के नाम पर 5 लाख रुपये, पंजीकरण के लिए 3 लाख रुपये और अन्य खर्चों के लिए अलग-अलग समय पर 3.5 लाख और 2.5 लाख रुपये मांगे।
- फोन पे से भुगतान: अतिरिक्त पैसे की मांग पर शिक्षक ने 66,000 रुपये फोन पे के माध्यम से भेजे।
गिरफ्तारी:
जब ठगी का एहसास हुआ, तो शिक्षक ने पुलिस में शिकायत की। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण के जरिए आरोपियों का पता लगाया और ओडिशा के केंदरापाड़ा से एक आरोपी सुशांत सेठी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने साथी के साथ मिलकर इस ठगी को स्वीकार किया।
यह मामला धोखाधड़ी का एक और उदाहरण है, जिसमें लालच देकर लोगों को ठगा गया। पुलिस अब आरोपी के अन्य साथी की तलाश कर रही है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर आर्थिक लेन-देन के मामलों में।