
रायपुर। एलपीजी वितरकों ने प्रशासकीय शुल्क और होम डिलीवरी चार्ज में बढ़ोतरी की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत देशभर के गैस एजेंसी संचालकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे 6 नवंबर से एलपीजी सिलेंडर की होम डिलीवरी बंद कर देंगे।
बढ़ते खर्च, लेकिन कमीशन वही पुराना
डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि डीजल की कीमतें, कर्मचारियों के वेतन और बिजली के खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से उनका कमीशन नहीं बढ़ाया गया है। एसोसिएशन ने कहा कि 2019 तक नियमित रूप से वितरकों के प्रशासकीय शुल्क और डिलीवरी प्रभार में बढ़ोतरी की जाती थी, लेकिन कोविड-19 महामारी (2020-21) के बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया।
“हमारे खर्च चार गुना बढ़ गए हैं, लेकिन कमीशन अब भी वही है। अगर सरकार ने कदम नहीं उठाया, तो हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।” -अंबिकापुर एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन
केंद्र सरकार को भेजा गया पत्र
अंबिकापुर एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (इंडिया) ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो देशभर के वितरक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि वे बार-बार निवेदन कर चुके हैं, लेकिन मंत्रालय की ओर से अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
तीन चरणों में विरोध प्रदर्शन
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एलपीजी वितरक तीन चरणों में विरोध दर्ज कराएंगे:
पहला चरण: सभी डिस्ट्रीब्यूटर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।
दूसरा चरण: जिला मुख्यालयों में शाम 7 बजे मशाल और मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन होगा।
तीसरा चरण: ‘नो मनी नो इंडेंट’ नीति अपनाई जाएगी — यानी कंपनियों में एडवांस भुगतान रोक दिया जाएगा।






