
भिलाई। लोन देने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देने वाली निजी बैंकों की असलियत तब सामने आती है जब वसूली के नाम पर अत्याचार किया जाता है। भिलाई के सुपेला क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां आईडीएफसी बैंक के रिकवरी एजेंटों ने एक युवक पर बर्बर हमला कर उसका सिर फोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी एजेंटों की जांच शुरू कर दी है।
बैंक एजेंट लोन देते समय कम ब्याज और आसान किस्तों का लालच देते हैं, लेकिन लोन लेने के बाद असल परेशानी शुरू होती है। ब्याज दरें कई गुना अधिक हो जाती हैं, और नियम-कायदे अंग्रेजी में इतने छोटे अक्षरों में होते हैं कि ग्राहक उन्हें ठीक से समझ नहीं पाते। जब कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी की वजह से कुछ समय के लिए किस्त नहीं भर पाता, तो ये बैंक गुंडों की तरह जबरन वसूली करते हैं और मारपीट तक पर उतर आते हैं।
सुपेला क्षेत्र में युवक के साथ मारपीट
ऐसा ही एक मामला सुपेला क्षेत्र के फरीदनगर में सामने आया है, जहां आईडीएफसी बैंक के रिकवरी एजेंटों ने युवक सैय्यद फारुख पर हमला कर दिया। सुपेला पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
पीड़ित सैय्यद फारुख, जो साप्ताहिक बाजार में कपड़े की दुकान लगाता है, ने बताया कि उसने तीन माह पहले सुपेला स्थित तव्कल मोबाइल स्टोर से 12,500 रुपये की अलमारी और 12,500 रुपये का मोबाइल खरीदा था। कुल 25,000 रुपये का यह फाइनेंस आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से कराया गया था। उसने 6,000 रुपये डाउन पेमेंट किया था और 2,150 रुपये की मासिक किस्त भरनी थी।
फारुख ने बताया कि उसने तीन महीनों तक नियमित किस्त जमा की, लेकिन फरवरी माह में आर्थिक तंगी के कारण किस्त नहीं भर सका। 23 फरवरी को बैंक के रिकवरी एजेंटों ने उसे किस्त जमा करने को कहा, जिस पर उसने 24 या 25 फरवरी को ऑनलाइन भुगतान करने का आश्वासन दिया।