
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से नक्सली संगठनों को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को गरियाबंद जिले के मटाल पहाड़ों में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए माओवादी विभिन्न राज्यों में बड़े पदों पर सक्रिय थे और उन पर छत्तीसगढ़, ओडिशा व आंध्रप्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। इस मुठभेड़ में सबसे बड़े इनामी नक्सली लीडर मनोज उर्फ मोडेम बालाकृष्णन उर्फ भास्कर उर्फ बालन्ना को भी जवानों ने मार गिराया है। मुठभेड़ के बाद चलाए गए सर्च ऑपरेशन में घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं। सुरक्षाबलों ने मारे गए नक्सलियों के शवों और जब्त हथियारों को दो हेलीकॉप्टर के जरिए गरियाबंद रक्षित केंद्र लाया है।
नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए इस बड़े अभियान में मिली सफलता के बारे में एडीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि नए जगह पांव पसारने से पहले ही खात्मा कर दिया गया। ऑपरेशन अभी भी जारी है। वहीं अमरेश मिश्रा ने जवानों के हौसले की अफजाई करते हुए कहा कि जवानों ने इसी जगह पर कहा था शस्त्र पूजन से पहले रक्त पूजन करेंगे और उन्होंने कर दिखाया। एसपी निखिल राखेचा ने कहा कि 8 महीने पहले हमने आत्मसमर्पण की अपील की थी। अब भी कह रहे हैं कि मूल रास्ते से भटके लोग समर्पण नीति का लाभ लेते हुए मुख्यधारा से जुड़ सकते हैं।