
दिल्ली। त्योहारों पर यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए हर साल रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। हालांकि रेलवे के काफी प्रयासों के बावजूद त्योहारों के समय टिकटों को लेकर काफी परेशानी होती है, लेकिन इस बार उत्तर रेलवे ने त्योहारों के समय तीन हजार से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया है ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े और वे त्योहारों पर अपने-अपने घर जा सकें। उत्तर रेलवे ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 3,144 विशेष रेलगाड़ियां चलाने की योजना बनाई है, जो अब तक की सबसे ज्यादा हैं।
85 फीसदी विशेष रेलगाड़ियां इन राज्यों के लगाएंगी फेरे
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा ने बताया, ‘उत्तर रेलवे ने 1 अक्तूबर 2024 से 30 नवंबर 2024 तक रेलगाड़ियों के अब तक की सबसे ज्यादा 3,144 फेरे लगाने की योजना बनाई है। करीब 85 प्रतिशत त्योहार विशेष रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम जाने वाले यात्रियों के लिए चलाई जाएंगी।’ उन्होंने कहा, ‘दिवाली और छठ पर्व के दौरान आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 26 अक्तूबर 2024 से 7 नवंबर 2024 तक विशेष ट्रेनों की 195 फेरी लगाने की योजना बनाई गई है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान विशेष रेलगाड़ियों की फेरी की संख्या 138 थी।’
रेलगाड़ियों में बर्थ भी बढ़ाई जाएंगी
वर्मा के अनुसार, 13 दिनों में उत्तर रेलवे दिल्ली से प्रतिदिन 65 अतिरिक्त ट्रेनें चलाएगा, जिससे 1.20 लाख अतिरिक्त बर्थ उपलब्ध होंगी। उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि के दौरान 59 ट्रेनें चलाई गई थीं। इसके अलावा, यात्रियों की भीड़ को कम करने और आरामदायक यात्रा की सुविधा के लिए नियमित ट्रेनें भी 123 विशेष ट्रिप लगाएंगी। साथ ही 26 अक्टूबर से 7 नवंबर तक महत्वपूर्ण ट्रेनों में 49 अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे। वर्मा ने कहा, ‘दिल्ली (डीएलआई)/नई दिल्ली (एनडीएलएस)/आनंद विहार टर्मिनल जैसे रेलवे सेक्टरों से देश भर के प्रमुख गंतव्यों पटना, दानापुर, मुजफ्फरपुर, जोगबनी, सहरसा, जयनगर, कटिहार, दरभंगा, गोरखपुर, रक्सौल, वाराणसी, गया, श्री वैष्णो देवी कटरा से जोड़ने के लिए विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है।’ उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान कुल 1,70,434 अतिरिक्त बर्थ उपलब्ध होंगी (विशेष ट्रेनों और अतिरिक्त कोचों सहित) जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान 1,48,750 बर्थ उपलब्ध थीं। वर्मा ने कहा कि विशेष ट्रेनों में कुल लगभग 54,000 (पिछले साल 41,000) अनारक्षित यात्री अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होगी।