
नई दिल्ली – दिल्ली में पिछले 40 दिनों में दो बड़े धमाके हुए हैं, और दोनों धमाकों के तरीके में समानता देखने को मिली है। एक ही स्थान के पास हुए इन धमाकों ने सुरक्षा एजेंसियों को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। धमाकों की प्रकृति और स्थान के कारण अब यह सवाल उठ रहा है कि इसके पीछे कौन है और क्या मकसद है?
प्रशांत विहार में हुआ धमाका
गुरुवार, 28 नवम्बर को दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में एक पार्क की दीवार के पास धमाका हुआ। यह धमाका 20 अक्टूबर को हुए धमाके से बहुत मिलता-जुलता था, क्योंकि दोनों जगह से सफेद पाउडर जैसी चीज़ बरामद हुई है। हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन धमाके के बाद इलाके में दहशत फैल गई।
सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
मौके पर NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी), NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स), और FSL (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीमें पहुंच गईं और जांच शुरू कर दी। एजेंसियां मौके से सैंपल इकट्ठा कर रही हैं ताकि यह पता चल सके कि इन धमाकों के पीछे किसका हाथ है और इसका उद्देश्य क्या था।
समान पैटर्न और संदिग्ध ‘वाइट पाउडर’
दिल्ली में दोनों धमाकों के पैटर्न में समानता है। दोनों स्थान लगभग एक ही हैं, महज कुछ मीटर की दूरी पर। धमाकों के बाद सफेद पाउडर जैसी चीज़ बरामद हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कोई एक ही तरीका अपनाकर इन धमाकों को अंजाम दे रहा है।
दिल्ली में गैंगवार और सुरक्षा चिंता
दिल्ली में गैंगवार की घटनाएं पिछले कुछ समय में बढ़ी हैं और अब इन धमाकों ने सुरक्षा की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। गैंगस्टर्स के बीच वर्चस्व की लड़ाई में लगातार गोलियां चल रही हैं, और अब इन धमाकों ने और भी चिंता पैदा कर दी है।
राजनीतिक बयानबाजी
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन घटनाओं के बाद दिल्ली को “क्राइम कैपिटल” की संज्ञा दी है, जबकि मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे 1990 के दशक के मुंबई जैसे हालात से जोड़ा है। इन बयानबाजी से यह साफ है कि दिल्ली में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर सियासत भी गर्म है।
आगे की जांच
सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से इन धमाकों की जांच में जुटी हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही इस मामले से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आएगी। दिल्ली के लिए यह घटनाएं चिंता का विषय हैं और इन धमाकों ने राजधानी में सुरक्षा की चिंता को और बढ़ा दिया है।