
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। भाजपा ने एक नई पहल के तहत टीम 27 का गठन किया है, जिसमें 27 बड़े नेताओं को शामिल किया गया है। इन नेताओं को दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा के मुताबिक, टीम 27 इन 54 विधानसभा सीटों पर जाकर चुनावी कैंपेन को तेज़ी से और प्रभावी तरीके से चलाएगी।
टीम 27 का उद्देश्य
भा.ज.पा. की टीम 27 का मुख्य उद्देश्य पार्टी के चुनावी अभियान को धार देना और अंतिम 15 दिनों में चुनावी प्रबंधन को और मजबूती से चलाना है। प्रत्येक नेता को दो सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और ये नेता अपनी-अपनी सीटों पर जाकर कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी रणनीतियां बनाएंगे।
मुख्य सदस्य और जिम्मेदारियां
केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के अनुभवी नेताओं को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को शकूरबस्ती और मादीपुर सीट, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को नरेला और बवाना सीट, और पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर सीट की जिम्मेदारी दी गई है।
साथ ही, तरुण चुग को लक्ष्मी नगर और कृष्णा नगर, सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर, और अरुण सिंह को मॉडल टाउन और मोती नगर क्षेत्रों का चुनावी प्रबंधन सौंपा गया है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल
टीम 27 के सदस्य चुनावी प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं से संवाद भी बनाए रखेंगे और उन्हें चुनावी अभियान में सक्रिय बनाएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बूथ प्रबंधन और घर-घर जाकर प्रचार करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
इस चुनावी माहौल में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तरुण चुग ने कहा कि, “जब जनता ने केजरीवाल से 11 साल का हिसाब पूछा तो उन्होंने अपनी गाड़ी से वोटरों को कुचल दिया।” भाजपा का आरोप है कि आप पार्टी के नेता केवल अपनी राजनीति के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं और उनकी नीतियों ने दिल्ली को पीछे ढकेला है।
अल्पसंख्यक, युवा और महिला मोर्चा का योगदान
भा.ज.पा. ने अल्पसंख्यक मोर्चा, युवा मोर्चा, और महिला मोर्चा को भी जिम्मेदारी दी है। ये मोर्चे पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करेंगे और केंद्र सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बताएंगे।
भा.ज.पा. की टीम 27 दिल्ली चुनाव में विपक्ष को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। भाजपा की रणनीति चुनावी प्रचार में आक्रामकता को बढ़ाने की है, ताकि पार्टी की लोकप्रियता में और बढ़ोतरी हो सके और चुनावी जीत सुनिश्चित हो सके।