
दिल्ली चुनाव 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर वाल्मीकि समाज की नाराजगी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरी है।
वाल्मीकि समाज का विरोध
वाल्मीकि समाज, जो पहले से आम आदमी पार्टी का एक मजबूत समर्थक माना जाता था, अब केजरीवाल के खिलाफ खुलकर विरोध कर रहा है। यह विरोध तब बढ़ा जब वाल्मीकि समाज के नेताओं ने हाल ही में खस्ताहाल वादों की याद दिलाई। उन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने दलित समाज के साथ वादे किए, जैसे कि विदेश में शिक्षा का अवसर, जिन्हें पूरा नहीं किया गया।
आशु पोहल, वाल्मीकि समाज के एक नेता, ने कहा, “हमारे समाज को लूटा गया है… हम उन लोगों का समर्थन नहीं करेंगे, जो हमारे समाज का समर्थन नहीं करते। हम उनका बहिष्कार करेंगे।” यह बातें इस बात का संकेत हैं कि यदि नाराजगी मतदान तक बनी रही, तो केजरीवाल की स्थिति कठिन हो सकती है।
चुनावी पृष्ठभूमि
अरविंद केजरीवाल ने 2013 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की चुनावी यात्रा शुरू की थी जब उन्होंने ‘झाड़ू’ को पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में लॉन्च किया। उस समय, उन्होंने वाल्मीकि समाज की सफाईकर्मियों की श्रमिक भूमिका की पहचान की थी। अब, पिछले समय की अपेक्षाकृत बड़ी निराशा और विभिन्न वादों का न पूरा होना इस समुदाय में असंतोष का कारण बना है।
चुनावी जोड़-तोड़
इस बार, केजरीवाल का कट्टर प्रतिद्वंदी भाजपा का पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा हैं, जिनका चुनावी प्रचार में बढ़ा हुआ फोकस वाल्मीकि समुदाय को साधने का है। उन्होंने वादा किया है कि यदि उनकी पार्टी जीतती है, तो तालकटोरा स्टेडियम का नाम ‘भगवान महर्षि वाल्मीकि’ रखा जाएगा।
मतदाता स्थिति
नई दिल्ली सीट पर इस बार 1.9 लाख वोटर हैं, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में 25.3% की कमी आई है। यह कमी वाल्मीकि बस्तियों में रहने वाले दलित मतदाताओं के घटने का संकेत देती है।