
दिल्ली : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। अब भाजपा ने दिल्ली सरकार पर एक नया गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) के तहत एक शेल्टर होम में काम केवल 2 लोग करते हैं, लेकिन वहां के वेतन का भुगतान 6 लोगों के लिए किया जाता है।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के तहत कई विभागों में भ्रष्टाचार की गंध फैल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार के तहत कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है, जहां लूट-खसोट का खेल न हो।
सचदेवा ने कहा कि डीयूएसआईबी के माध्यम से गरीबों को शेल्टर होम की सुविधा दी जाती है, और इसके लिए 6 लोगों को नियुक्त किया जाता है। यह लोग एनजीओ के माध्यम से काम पर रखे जाते हैं, जिसे दिल्ली सरकार तय करती है। सचदेवा के अनुसार, एक शेल्टर होम में 24 घंटे के तीन शिफ्ट में दो-दो लोग काम करते हैं, लेकिन जब भाजपा ने मंगोलपुरी से यमुना पार तक कई शेल्टर होम का निरीक्षण किया, तो पाया गया कि काम केवल 2 लोग ही कर रहे हैं, लेकिन एनजीओ को 6 लोगों का वेतन जारी किया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि बाकी 4 लोगों का वेतन कहां जाता है? इसके बाद भाजपा ने और गहरी जांच की और पता चला कि एक ही व्यक्ति पांच अलग-अलग शेल्टर होम में काम कर रहा है और वहां से वेतन ले रहा है। उदाहरण के तौर पर मंगोलपुरी में एक आदमी का नाम पांचों शेल्टर होम के रजिस्टर में था, और वह पांचों जगहों से वेतन प्राप्त कर रहा था। सचदेवा के अनुसार, असल में उसे केवल एक जगह से वेतन मिल रहा था, जबकि बाकी 4 जगहों का वेतन डीयूएसआईबी के अधिकारियों, दिल्ली सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री के पास कमीशन के रूप में जा रहा था।
भाजपा ने इसे दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार की गंभीर मिसाल करार दिया है और चुनावी प्रचार के दौरान इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाने की योजना बनाई है।