
Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉ. आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी के खिलाफ बदला लेने की शपथ दिलाई है। उनके इस बयान ने भाजपा के खिलाफ एक नई राजनीतिक बवंडर की शुरुआत कर दी है।
विवाद की पृष्ठभूमि
कुछ दिनों पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि इन दिनों आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन सा हो गया है। शाह के इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने शाह पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया, लेकिन भाजपा ने इन आरोपों को नकारते हुए इसे गलत समझा। इस विवाद के बाद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इस अपमान का बदला लेना है।
केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने कहा कि आंबेडकर को लेकर गृहमंत्री का बयान बेहद अपमानजनक था। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेताओं के लहजे से यह साफ दिखता है कि उनके बयान में नफरत और व्यंग्य था। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी निशाना साधा, जिन्होंने शाह के बयान का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि यह बयान सोच-समझकर दिया गया था, और मोदी ने उसे सही ठहराया, जो यह दिखाता है कि भाजपा इस बयान को लेकर पूरी तरह से सचेत थी।
बदला लेने की शपथ
केजरीवाल ने भाजपा के खिलाफ शपथ दिलाते हुए कहा कि वे इस अपमान का बदला लेंगे। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक जानबूझकर किया गया अपमान था, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका आरोप था कि भाजपा नेताओं की मानसिकता में आंबेडकर और संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है, और यही वजह है कि उन्होंने इस तरह का विवादास्पद बयान दिया।
राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश
केजरीवाल का यह बयान भाजपा के खिलाफ उनके एक और सियासी कदम को दिखाता है। उनकी पार्टी आंबेडकर के नाम पर राजनीति करने का आरोप भी लगाती रही है, और अब यह बयान भी एक सियासी हथियार के रूप में सामने आया है। हालांकि, उनके इस बयान को लेकर भाजपा के भीतर भी आक्रोश है, और इसे एक सियासी बदला लेने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
कुल मिलाकर, यह विवाद अब सिर्फ एक बयान से कहीं अधिक बढ़ चुका है और दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और आप के बीच एक और सियासी टकराव को जन्म दे सकता है।