
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन उपायों का उद्देश्य कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देना है।
कार्यालय समय में बदलाव
केंद्र सरकार ने कार्यालय समय को दो पालियों में विभाजित किया है:
- सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे
- सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे
इस बदलाव का उद्देश्य कार्यालय पहुंचने के दौरान यातायात का दबाव कम करना और वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
वाहन प्रदूषण पर रोक के उपाय
- सरकारी कर्मचारियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने और कारपूलिंग अपनाने की सलाह दी गई है।
- मंत्रालयों और विभागों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इन उपायों को लागू करने का निर्देश दिया गया है।
कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा
केंद्रीय सचिवालय सेवा (CSS) फोरम ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित मांगें की थीं:
- घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) की अनुमति।
- कार्यालयों में वायुशोधक (एयर प्यूरीफायर) लगाने का प्रावधान।
वायु गुणवत्ता का हाल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 376 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। हालांकि, गंभीर प्रदूषण स्तर के बाद इसमें हल्का सुधार देखा गया है।
कर्मचारियों की समस्याएं
प्रदूषण के कारण कर्मचारियों को निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
- श्वसन संबंधी समस्याएं
- आंखों में जलन
- अत्यधिक थकावट
सरकार के कदम का उद्देश्य
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन बदलावों से कार्यालयों की दक्षता और उत्पादकता प्रभावित न हो। साथ ही, यह प्रयास कर्मचारियों की भलाई के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देगा।
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम महत्वपूर्ण हैं। प्रदूषण पर स्थायी समाधान के लिए नागरिकों और प्रशासन को मिलकर प्रयास करना होगा।