
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, अरविंद केजरीवाल ने एक नई योजना का ऐलान किया है जिसे ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ कहा जा रहा है। इस योजना के तहत दिल्ली के पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 की राशि दी जाएगी। योजना के लिए रजिस्ट्रेशन मंगलवार से शुरू हो जाएगा। केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में सत्ता की वापसी के साथ यह योजना लागू हो जाएगी।
पुजारी सम्मान योजना की खास बातें:
पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 मिलेगा।
रजिस्ट्रेशन मंगलवार से शुरू हो जाएगा, और योजना AAP सरकार के सत्ता में आने पर लागू होगी।
यह योजना पहली बार किसी पार्टी द्वारा पुजारियों और ग्रंथियों के लिए शुरू की जा रही है।
AAP की अन्य योजनाओं की झड़ी:
संजीवनी योजना: 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।
महिला सम्मान योजना: महिलाओं को ₹2,100 प्रति माह दिया जाएगा।
पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना: पुजारियों और ग्रंथियों को ₹18,000 प्रति माह मिलेंगे।
केजरीवाल का बयान:
केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह योजना दिल्ली के मंदिरों और गुरुद्वारों में सेवा करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों के सम्मान में है। हमारी सरकार के सत्ता में आते ही यह योजना लागू हो जाएगी। यह देश में पहली बार हो रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि भाजपा और कांग्रेस भी इस तरह की योजना अपने राज्यों में लागू करेंगे।”
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
केजरीवाल ने बताया कि ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ की शुरुआत कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर से होगी। उन्होंने कहा, “इस योजना का रजिस्ट्रेशन कल (मंगलवार) से शुरू होगा, और हम सबसे पहले हनुमान मंदिर से पुजारियों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। इसके बाद हमारी पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता दिल्ली के सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में जाएंगे और पुजारियों, ग्रंथियों का रजिस्ट्रेशन करेंगे।”
बीजेपी पर हमला:
केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “मैं भाजपा से हाथ जोड़कर कहता हूं कि जैसे उन्होंने हमारी महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को रोकने की कोशिश की, वैसा कम से कम पुजारियों और ग्रंथियों के लिए शुरू की जा रही इस योजना को रोकने की कोशिश न करें। पुजारी और ग्रंथि हमारे और भगवान के बीच एक ब्रिज का काम करते हैं।”
मस्जिद के ईमाम को भी वेतन:
दिल्ली में पहले से ही दिल्ली वफ्फ बोर्ड से रजिस्टर्ड मस्जिदों के ईमाम को ₹18,000 महीने वेतन दिया जाता है। इस नई योजना में हिंदू मंदिरों के पुजारियों और सिख धर्म के गुरुद्वारे के ग्रंथियों को सम्मान देने का ऐलान किया गया है।