
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार का शोर सोमवार शाम पांच बजे थम गया। 70 विधानसभा सीटों पर मतदान का निर्णय 5 फरवरी को होना है। इस बार आधिकारिक तौर पर 1.55 करोड़ मतदाता अपने भविष्य के नेताओं का चुनाव करेंगे। चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। शाम 6 बजे से साइलेंस पीरियड भी लागू हो गया है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को प्रचार कार्य को बंद करना अनिवार्य होगा।
आम आदमी पार्टी (AAP) पिछले दो चुनावों से दिल्ली में सत्ता में है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार पुनः सत्ता में आने के लिए पूरी ताकत झोंकी है। वहीं, कांग्रेस इस बार पिछड़ती नजर आ रही है, हालांकि उसने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए मजबूत कैंपेनिंग की है।
दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष और 71.73 लाख महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा, थर्ड जेंडर के 1,261 मतदाता हैं और युवा मतदाताओं की संख्या 25.89 लाख है। मतदान के लिए राष्ट्रीय राजधानी में 13,033 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें दिव्यांग और महिलाओं द्वारा प्रबंधित 70-70 केंद्र भी शामिल हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का प्रचार भी खत्म हो गया है, जहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। इसका प्रभाव न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि दिल्ली की राजनीतिक हलचलों पर भी पड़ेगा।
चुनाव की घड़ी नजदीक है, और सभी पार्टियाँ अपने-अपने दावों को पेश करने के लिए तैयार हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता का निर्णय किन पार्टीयों के पक्ष में आता है।