
दिल्ली। 22 मई की सुबह राजा और सोनम किराए की स्कूटी लेकर घूमने निकले, लेकिन सोनम ने राजा से पहले अपने साथ लाए लगेज को रास्ते से हटाया, ताकि कोई सबूत न मिले। नोंग्रियाट गांव से 30 किलोमीटर पहले सोनम ने स्कूटर रुकवाई और एक गेस्ट हाउस की तरफ इशारा किया। राजा ने स्कूटर रोकी तो सोनम ने कहा कि यहां रूम ले लेते हैं, लेकिन झरने तक लगेज लेकर उतरना आसान नहीं होगा। राजा ने पहले लगेज डिक्की में रखने की कोशिश की, लेकिन जब सोनम नहीं मानी तो राजा गेस्ट हाउस में गया। तब कोई रूम खाली नहीं था। राजा ने रजिस्ट्रर में एंट्री की और दोनों लगेज वहां रख दिए। उससे पहले राजा और सोनम ने कपड़े व अन्य जरूरी सामान डिक्की में रख लिया। तब सोनम ने अपनी लाल रंग की जैकेट भी उतार कर डिक्की में रख दी थी। इस दौरान उसने प्रेमी राज को अपनी लाइव लोकेशन भी भेज दी।
राजा ने 23 मई को सुबह छह बजे होम स्टे से चेकआउट किया। इसके पीछे सोच यह थी कि सुबह हत्या करते कोई देख नहीं पाएगा और झरने में लाश को ठिकाने लगाना भी आसान हो जाएगा, लेकिन नोंग्रियाट में अन्य पर्यटक भी थे और कुछ सोनम को सुबह दिखाई दिए तो सोनम को राजा को सुबह मारने का प्लान कैंसल करना पड़ा। तीन घंटे तक झरने के आसपास की सैर की। इसके बाद राजा और सोनम सीढ़ियां चढ़ने लगे। इस बीच हत्या करने आए युवकों ने खुद को मध्य प्रदेश का पर्यटक बताते हुए राजा से पहचान करने की कोशिश की।
23 मई की सुबह साढ़े दस बजे राजा और सोनम सीढ़ियां चढ़ते नजर आए। राजा और सोनम के अलावा हत्या करने आए तीनों आरोपियों को गाइड अलबर्ट पीडी ने देखा था। गाइड ने अपनी सेवाएं देने की पेशकश की, लेकिन सोनम ने मना कर दिया। अलबर्ट एक दिन पहले भी उनके पीछे चल रहा था, लेकिन तब राजा और सोनम अकेले नजर आए थे। उसे लगा कि तीनों युवक भी पर्यटक हैं।
दोपहर 1.20 बजे के करीब सोनम ने अपनी सास को काॅल किया और झरना देखने जाने की बात बताई। सास ने राजा का फोन बंद होने की बात की तो सोनम ने कहा कि ऊपर चढ़ने के बाद बात करेंगे। फिर उसने उपवास की बात की। इसके बाद सोनम ने अपना फोन भी बंद कर दिया।