
दिल्ली। सीजीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायगढ़ आयुक्तालय, मुंबई जोन के कर चोरी रोकने वाले अधिकारियों की एक टीम ने कल दो लोगों को गिरफ्तार किया, जो फर्जी फर्म बनाकर और माल/ सेवा की बिना वास्तविक आपूर्ति के चालान जारी करके 9 करोड़ रुपये से अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बनाने और धोखाधड़ी से पास करने में शामिल थे।
खुफिया जानकारी के आधार पर, टीम ने आरोपियों की ओर से चलाई जा रही फर्जी फर्मों की पहचान की, जो फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही थीं। जैशा मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड ने जाली दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत गैर-मौजूद फर्मों की ओर से दिए गए अयोग्य क्रेडिट का लाभ उठाया। जैशा मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड अपने पंजीकृत मुख्य व्यावसायिक स्थल पर निष्क्रिय पाई गई, जिससे पता चला कि न तो कोई माल प्राप्त हुआ और न ही आपूर्ति की गई।
जांच में पता चला कि जैशा मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, मुकेश देवनारायण तिवारी, निवासी न्यू पनवेल, और संदीप नन्हेलाल मोदनवाल, निवासी डोंबिवली (पश्चिम) धोखाधड़ी से मिले आईटीसी में सक्रिय रूप से शामिल थे। दोनों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी)/132(1)(सी) के अंतर्गत दंडनीय अपराधों के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के तहत गिरफ्तार किया गया और पनवेल के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस फर्जी बिल रैकेट के अन्य लाभार्थियों और संचालकों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है।