
अहमदाबाद . गुजरात सरकार ने राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग के मामले में सोमवार को 2 पुलिस निरीक्षकों और नगर निगम कर्मचारियों सहित सात अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.
सरकार ने इन अधिकारियों को आवश्यक स्वीकृति के बिना इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति देकर घोर लापरवाही बरतने का जिम्मेदार ठहराया है. शनिवार की शाम को हुए हादसे में चार बच्चों सहित 27 लोगों की जान चली गई थी और कई झुलस चुके लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. अग्निकांड मामले में रेसवे एंटरप्राइज के भागीदारों में से एक राहुल राठौड़ को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तार हो चुके हैं. तीनों को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
डीएनए टेस्ट से नौ शवों की हुई पहचान राजकोट के गेमिंग जोन हादसे में जान गंवाने वाले 27 में से नौ लोगों के शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के माध्यम से कर ली गई है. शव इतने जल चुके थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी, इसलिए राज्य सरकार डीएनए प्रोफाइलिंग के माध्यम से पीड़ितों की पहचान करने के लिए एफएसएल की मदद ले रही है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि बहुत जल्द बाकी शवों के डीएनए का मिलान कर लिया जाएगा. सोमवार को एफएसएल की टीम राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में जांच के लिए पहुंची.
राज्य सरकार ने सोमवार को शहर के पुलिस आयुक्त, दो अन्य आईपीएस अधिकारियों और नगर निकाय प्रमुख का तबादला कर दिया.
हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं हाईकोर्ट
गुजरात उच्च न्यायालय ने गेमिंग जोन अग्निकांड मामले में राजकोट नगर निकाय को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि हमें राज्य की मशीनरी पर भरोसा नहीं है, यहां कार्रवाई तब होती है जब निर्दोष लोगों की जान चली जाती है. अदालत ने कहा कि राजकोट नगर निकाय के क्षेत्र में गैर कानूनी गेमिंग जोन चल रहे हैं और उसनें आंखे बंद कर रखी हैं. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि 2021 में टीआरपी गेमिंग जोन की स्थापना के समय से लेकर इस घटना तक राजकोट के सभी नगर निगम आयुक्तों को हादसे के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.