
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े ने गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट सौंपी. यह रिपोर्ट समाज के कुछ वर्गों और यहां तक कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके निष्कर्षों पर आपत्तियों के बीच आई है.
राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार को रिपोर्ट मिल गई है. इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा और वहां इस पर चर्चा की जाएगी और निर्णय लिया जाएगा. हालांकि उन्होंने रिपोर्ट के बारे में बताने से इनकार कर दिया. कर्नाटक के दो प्रभावशाली समुदायों वोक्कालिगा और लिंगायत ने सर्वेक्षण को लेकर आपत्ति जताई है और इसे अवैज्ञानिक करार दिया है. दोनों समुदायों ने नवीनतम सर्वेक्षण को खारिज करने की मांग की है. मौजूदा सरकार रिपोर्ट जारी करने से परहेज करती रही है क्योंकि सर्वेक्षण के नतीजे कथित रूप से कर्नाटक की विभिन्न जातियों की संख्या को लेकर पारंपरिक धारणा के विपरीत हैं, खासतौर पर लिंगायतों और वोक्कालिगा को लेकर संवेदनशील मुद्दा है.
उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं और स्वयं वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वह उस ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले मंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री से रिपोर्ट और उसके आंकड़ों को खारिज करने की मांग की है.