
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि आज भारत पहले जैसा भारत नहीं रहा. विश्व के मानचित्र पर स्वाभिमान से भारत का नाम अंकित है. दुनिया मान रही है कि भारत का कद बढ़ा है. एक वक्त था जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बात गंभीरता से नहीं सुनी जाती थी. अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कान खोलकर उसकी बात सुनी जाती है कि भारत क्या बोल रहा है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को देहरादून पहुंचे. उन्होंने चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल का उद्धाटन किया और जसवंत ग्राउंड में वेटरन डे पर वेटरन रैली को संबोधित किया एवं सोल ऑफ स्टील एडवेंचर स्पोर्ट्स कार्यक्रम का शुभारंभ किया. शौर्य स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की.
इस दौरान एक कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा कि पूर्व सैनिक संत के समान हैं. वह वेटरन को राष्ट्र के संतों के रूप में देखते हैं. सत्य को ग्रहण करने और समाज को दिशा देने वाला संत होता है. एक संत समाज की उन्नति, समाज का हित चाहता है. इस कसौटी पर पूर्व सैनिक खरे उतरते हैं. उनके लिए जो भी किया जाए वह कम है. भगवान राम, कृष्ण, देवी दुर्गा को भी वेटरन की श्रेणी में रखा जा सकता है. वे साहस और शौर्य दिखाकर ही पूजनीय बने.
इस दौरान उन्होंने कहा कि हर चुनौती में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने को सैनिक तैयार रहते हैं. इसी के कारण सीमाएं सुरक्षित हैं. सभी वर्ग के लोग अपनी अपनी तरह से देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं. उन्होंने सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के जज्बे की सराहना की. साथ ही वेटरन की भीष्म पितामह से तुलना की. कहा, समाज के लिए संकल्पित पूर्व सैनिक बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सांसद माला राज्य लक्ष्मी, पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय, मध्य कमान के जीओसी ले. जनरल योगेंद्र डिमरी आदि मौजूद रहे.
सीमाएं सुरक्षित, तभी प्रगति कर रहा देश
रक्षामंत्री ने कहा कि सारा देश विभिन्न पर्व मना रहा है. इन सभी पर्वों की बधाई देकर कहा कि सभी समृद्ध कृषि संस्कृति के पर्व हैं. ये समृद्धि केवल उर्वरक भूमि, खाद, पानी, नई तकनीक आदि से ही नहीं देश की सुरक्षा से भी हासिल हुई. सेना का आर्थिक प्रगति में अप्रत्यक्ष योगदान है. देश सुरक्षित है तभी प्रगति कर रहा है. सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी तो बड़े से बड़े निवेश का कोई महत्व नहीं रहता.