
लोकसभा चुनाव की घोषणा के अगले दिन रविवार को निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉन्ड के जरिये मिले चंदे के बारे में राजनीतिक दलों से प्राप्त आंकड़ों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया. इनसे पता चलता है कि विभिन्न राज्यों में सत्ता पर काबिज राजनीतिक दलों को भी चुनावी बॉन्ड से भरपूर चंदा मिला.
चुनावी चंदा प्राप्त करने वाली शीर्ष पार्टियों में भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और बीआरएस शामिल हैं. ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल को 944.5 करोड़ मिले. आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को 442.8 करोड़ रुपये, जद (एस) को 89.75 करोड़ रुपये बॉन्ड के जरिये चंदा मिला. तेलंगाना में कुछ दिन पहले तक सत्ता में रही बीआरएस को चुनावी बॉन्ड के जरिये 1322 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
यह खुलासा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए राजनीतिक दलों से संबंधित आंकड़ों के विवरण का हिस्सा है. पिछले सप्ताह निर्वाचन आयोग द्वारा एक और आंकड़ा प्रकाशित किया गया, जो एसबीआई द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी पर आधारित था.
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा को 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू होने के बाद सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला. भाजपा को बॉन्ड योजना शुरू होने से लेकर 14 मार्च, 2019 तक 1450 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला है. इसके अलावा, तीन अप्रैल, 2019 से 22 जनवरी, 2020 के बीच भाजपा को 25,55 करोड़ रुपये मिले. इसी तरह 23 अक्तूबर, 2020 से 10 जनवरी, 2022 के बीच भाजपा को 1055 करोड़ रुपये बॉन्ड के जरिये चंदा मिला. कांग्रेस को 1334 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा मिला. कांग्रेस को 13 मार्च 2018 से 28 मार्च 2019 तक 383 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. 3 अप्रैल 2019 से 28 जनवरी 2020 तक 317 करोड़ रुपये, 29 अक्तूबर, 2020 से 20 जनवरी, 2022 तक 246 करोड़ चंदा मिला.
तृणमूल कांग्रेस ने जानकारी मांगी तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये चंदा मिला. तृणमूल ने एसबीआई को पत्र लिखकर बॉन्ड के जरिये चंदा देने वालों की जानकारी मांगी है, ताकि निर्वाचन आयोग को दानदाताओं का विवरण दे सके.
डीएमके को 656 करोड़ रुपये मिले
भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके को कुल 656.5 करोड़ रुपये चंदा मिला. इनमें से 509 करोड़ रुपये फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज से मिली है. इस कंपनी ने विभिन्न राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए 1368 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा था. डीएमके ने चुनावी बॉन्ड से मिले चंदे की जानकारी देते हुए उन कंपनियों के बारे में भी सूचना दी थी, जिसने उसे चंदा दी थी. डीएमके के अन्य प्रमुख दानदाताओं में मेघा इंजीनियरिंग 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट्स 14 करोड़ रुपये और सन टीवी 100 करोड़ रुपये शामिल हैं.