
नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी. न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने शुक्रवार को जैन को अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी और उनसे 10 जुलाई तक चिकित्सा रिकॉर्ड पेश करने को कहा.
ईडी की तरफ से किया गया विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि जैन की बीमारी पहले से है. उनका वजन धार्मिक कारणों से किए जा रहे उपवास के चलते कम हुआ है. राजू ने एम्स या राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों से जैन के स्वास्थ्य जांच की मांग की.
जस्टिस जे के माहेश्वरी और पी एस नरसिम्हा की अवकाशकालीन बेंच ने थोड़ी देर की सुनवाई के बाद मानवीय आधार पर जैन को 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी. जजों ने कहा कि उनके इलाज का ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट में जमा करवाया जाए. स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम से स्वास्थ्य जांच पर 10 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराएं, हमें दस्तावेज दिखाएं
सुप्रीम कोर्ट ने जैने को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने की छूट दी है. साथ ही कोर्ट ने जैन को इलाज से संबंधित दस्तावेज उनको दिखाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि बाहर रहकर जैन किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे. अदालत की इजाजत के बगैर वह दिल्ली से बाहर नहीं जाएंगे. बेल के दौरान जो भी इलाज किया जा रहा है, उसके दस्तावेज अदालत के सामने पेश करने होंगे.