
नई दिल्ली. केंद्र सरकार अप्रैल से देश में जीपीएस (सैटेलाइट) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने जा रही है. इसमें वाहन के नंबर प्लेट को स्वत रीड कर टोल टैक्स लिया जाएगा. लेकिन, सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद 900 से अधिक टोल प्लाजा को समाप्त नहीं करेगी और न ही वाहनों में लगे फास्टैग को निष्क्रिय करेगी.
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने जीपीएस आधारित टोल टैक्स कलेक्शन नीति को पे एंड यूज नाम दिया गया है. इसमें एडवांस सीसीटीवी कैमरा युक्त ऐंटीना हैं, जो वाहन के नंबर प्लेट को स्वत रीड कर लेते हैं और वाहन चालक के बैंक खाते से सीधे टोल टैक्स कट जाता जाता है.
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसालालसेट सेक्शन (246 किलोमीटर) सहित कई राजमार्गों पर पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर जीपीएस से टोल लेने का प्रयोग शुरू किया है. लेकिन, इस तकनीक में वाहनों की अधिक तेज रफ्तार होने पर स्वत नंबर प्लेट रीड करने में अड़चन आ रही है. ऐसी स्थिति में टोल प्लाजा पर वाहन से फास्टैग के जरिए टोल टैक्स वसूलने का प्रावधान रहेगा. इसलिए देशभर में जीपीएस सिस्टम लागू होने पर वाहनों से फास्टैग व राजमार्गों से टोल प्जाजा को नहीं हटाने का फैसला किया है.
अधिकारी ने बताया कि सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम में उन्नत तकनीक को तलाश किया जा रहा है. जिससे भविष्य में फास्टैग व टोल प्लाजा को हटाया जा सके.