
स्वदेशी तकनीक से निर्मित सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें 21 राज्यों के बीच फर्राटा भर रही हैं. बिहार, झारखंड और गोवा में अभी वंदे भारत नहीं चल रही है. सरकार का दावा है कि जून से 28 राज्यों को वंदे भारत की सौगात मिल जाएगी.
पूर्वोत्तर के सात राज्यों में रेलवे मार्गों का विद्युतीकरण नहीं होने के कारण सेमी हाईस्पीड ट्रेन के चलने में समय है. हालांकि, असम में अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंदे भारत ट्रेन को हरी झडी दिखाएंगे. रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सबसे पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाई गई थी. इसके पश्चात दिल्ली-जम्मू के बीच इस ट्रेन को चलाया गया. अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित दक्षिण भारत के राज्यों सहित कुल 21 राज्यों में वंदे भारत का परिचालन हो रहा है.
ट्रैक को किया जा रहा अपग्रेड
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे के पुराने ट्रैक्स 70 से 80 किलोमीटर तक की स्पीड को ही सपोर्ट करते है, लेकिन अब इसे अपग्रेड करके 160 किलोमीटर तक ले जाया जाएगा. देश भर में 30,0000 से लेकर 35,000 किलोमीटर के ट्रैक को अपग्रेड करके 110 किलोमीटर तक की अधिकतम स्पीड के लिए तैयार कर दिया गया है. वहीं अगले 2 से 3 सालो के भीतर ट्रैक की अधिकतम स्पीड को 160 किलोमीटर तक ले जाने की योजना है.
अधिकारी ने दावा किया कि जून के अंत तक बिहार में पटना-हटिया व पटना-रांची (झारखंड) और गोवा-मुंबई (महाराष्ट्र) के बीच वंदे भारत ट्रेनें शुरू कर दी जाएंगी. पूर्वोत्तर राज्यों में रेलमार्गो पर विद्युतीकरण का कार्य चल रही है. कार्य पूरा होने के साथ ही वंदे भारत का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा.