
नई दिल्ली. केंद्र सरकार देश में नई ठेका पद्धति लागू कर पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग को चौक चौबंद करेगी. इसके तहत फुल प्रूफ रख-रखाव तंत्र में देशभर के 40 हजार किलोमीटर राजमार्गो को शामिल किया जाएगा. तंत्र के अल्पावधि ठेका पद्धति में अधितमक एक वर्ष में उक्त राष्ट्रीय राजमार्गो की जलनिकासी, संचरनाएं, वनस्पति, यातायात सेवाएं व गड्ढों को ठीक किया जाएगा.
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल ने 27 अक्तूबर को इस बाबत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में लगभग एक लाख 46 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग है. इसमें ईपीसी, पीपीपी मोड आदि ठेका पद्धति की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं हैं. राजमार्गो की मरम्मत व रख-रखाव उक्त निर्माण कंपनियों की होती है. लकिन देश में 40 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्ग ऐसे हैं, जिनका संचालन किया जा रहा है आर मरम्मत-रख रखाव किया जाना बाकी है. मंत्रालय ने उपरोक्त राष्ट्रीय राजमार्गो को अल्पावधि रख रखाव ठेका पद्धति (एसटीएमसी) में शामिल किया जाएगा. जिससे प्रत्येक राष्ट्रीय राजमार्ग खंड की 100 फीसदी निगरानी व मरम्मत सुनिश्चित हो सके.
छोटे ठेकेदारों को मौका इसके लिए छोटे-छोटे प्रत्येक खंड के लिए ठेकेदार नियुक्ति किए जाएंगे. यह ठेके एक साल के लिए दिए जांएगे. वर्तमान में देश में बड़ी लागत के ठेके देने की व्यवस्था है. सरकार अब छोटे ठेकेदारों को काम करने का मौका देगी. अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने राज्यों में तैनात क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) को इसकी जिम्मेदारी व जबावदेही तय की है. पांच करोड़ की लागत के ठेके आरओ टेंडर प्रक्रिया के तहत दि जाएंगे जबकि पांच करोड़ से अधिक लागत होने पर मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी. इसके अलावा प्रदर्शन आधारित रखरखाव अनुबंध (पीबीएमसी) लागू किया है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय में चार सितंबर को हुई बैठक में आम सहमति बनी थी कि दिसंबर 2023 तक राष्ट्रीय राजमार्ग संबंधित शिकातयें शून्य की जाएंगी. यानी आगामी वर्ष तक राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढा मुक्त, जल जमाव मुक्त, जाम मुक्त करने का लक्ष्य रखा है.