
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत की तारीफ की. उन्होंने कहा, अगर आपको भविष्य देखना है तो इस देश में जरूर आना चाहिए. उन्होंने भारत की विकासात्मक प्रगति और दुनिया के भविष्य को आकार देने में इसकी भूमिका की सराहना की.
दिल्ली में इम्पैक्ट एंड इनोवेशन 25 इयर्स ऑफ आईपीई ग्लोबल मेकिंग डेवलपमेंट ए ग्राउंड रियलिटी कार्यक्रम में बोलते हुए गार्सेटी ने कहा, वे बेहद भाग्यशाली है और भारत को अपना घर कहते हैं. उन्होंने कहा, यदि आप भविष्य को महसूस करना चाहते, भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो भारत आएं. मुझे अमेरिकी मिशन के प्रतिनिधि के रूप में हर एक दिन ऐसा करने में सक्षम होने का बड़ा सौभाग्य मिला है. भारत के साथ उनके गहरे भावनात्मक संबंध हैं.
बाइडन के संदेश को दोहराया उन्होंने अमेरिका-भारत के संबंधों को लेकर जो बाइडन के संदेश को दोहराया. कहा कि बाइडन ने उन्हें बताया कि भारत दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण देश रहा है और इस सदी में नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के संबंध दुनिया की व्यवस्था को आकार देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. अमेरिका और भारत के बीच संबंध दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक योगात्मक संबंध नहीं बल्कि एक बहुगुणात्मक संबंध हैं.
वृत्तचित्र ‘बोगस फोन ऑपरेटर्स’ दिखाई गई दूतावास ने बुधवार को वृत्तचित्र ‘बोगस फोन ऑपरेटर्स’ की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया. यह अवैध कॉल सेंटर, साइबर अपराध और तकनीकी धोखाधड़ी की दुनिया को उजागर करती है. वृत्तचित्र में साइबर अपराधों से निपटने में अमेरिका-भारत के सफल कानूनी सहयोग पर प्रकाश डाला गया है.
नरेंद्र मोदी भारत का चेहरा बन गए हैं ब्रैड शरमन
अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ब्रैड शरमन ने भारत में 2014 से हुई आर्थिक प्रगति एवं विकासात्मक कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह भारत का चेहरा बन गए हैं. अमेरिकी संसद में भारत के बड़े समर्थकों में से एक माने जाने वाले ब्रैड शरमन ने कहा कि भारत और अमेरिका ने मोदी के कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा है.
दो देश पर दिल एक
अमेरिकी दूत ने कहा, जब में 18 साल की उम्र में हिंदी सीख रहा था, तो मैंने में एक कहावत सीखी थी, अलग देश अलग रिवाज. हर देश के रीति-रिवाज अलग हैं. भारत में हमें विशेषाधिकार प्राप्त है और वह अमेरिकी मिशन के लिए काम करना है. हम जो महसूस करते हैं वो ये है कि यह दो देश हैं दिल एक है. जब हम एक साथ आते हैं तो दो अलग-अलग व्यवस्था नहीं एक दृष्टि काम करती है. आईपीई ग्लोबल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आईपीई ने लैंगिक समानता की दिशा में खूबसूरती से काम किया है. नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने आईपीई ग्लोबल के काम की सराहना की.