
महाराष्ट्र के मंत्रालय में शुक्रवार को एक चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला, जिसने सभी की धड़कनें बढ़ा दीं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट के विधायक और डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल ने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदने का साहसिक कदम उठाया। यह अनोखी घटना तब घटी जब झिरवल ने महसूस किया कि उनकी मांगें, जो धनगर समाज को अनुसूचित जाति कोटे से आरक्षण देने के लिए थीं, अनसुनी हो रही हैं।
झिरवल, जो आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ने अपनी निराशा को दर्शाने के लिए यह नाटकीय कदम उठाया। हालाँकि, मंत्रालय के भवन में सुरक्षा जाल लगे होने के कारण उन्हें गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन उनकी यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से उनके आक्रोश को दर्शाती है। झिरवल का कहना था कि जब उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उन्होंने कूदने के अलावा और कोई विकल्प नहीं देखा।
यह घटना सिर्फ एक विधायक का व्यक्तिगत मामला नहीं थी। उनके साथ कुछ अन्य विधायक भी थे, जो उनके समर्थन में कूद पड़े। यह दृश्य न केवल मंत्रालय में राजनीतिक तनाव का प्रतीक बन गया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आक्रोश अब खुलकर सामने आ रहा है।
झिरवल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने की कई बार कोशिश की थी, लेकिन उनकी अनदेखी ने उन्हें इस हद तक पहुंचा दिया। दो दिन पहले ही वे मुख्यमंत्री आवास भी गए थे, लेकिन वहां भी उनका प्रयास विफल रहा।