
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज वेब पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और दोनों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के 3 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.
जस्टिस तुषार राव गडेला ने शुक्रवार को दोनों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस अदालत को इन दोनों याचिकाओं में कोई मेरिट नहीं मिली, इसलिए इन्हें खारिज किया जाता है. जस्टिस गडेला ने मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दरअसल, प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती दोनों ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. चीन के समर्थन में दुष्प्रचार करने के लिए कथित तौर पर पैसे प्राप्त करने को लेकर पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया गया है.
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. उन्होंने पिछले हफ्ते हाईकोर्ट का रुख कर अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद सात दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती दी थी तथा अंतरिम राहत के तौर पर तत्काल रिहाई का अनुरोध किया था. दिल्ली की एक अदालत ने 10 अक्टूबर को उन्हें दस दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने दिल्ली में ‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालय को सील कर दिया है.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि भारत की ”संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने” और देश में असंतोष पैदा करने के लिए न्यूज पोर्टल को चीन से बड़ी धनराशि मिली थी. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए पुरकायस्थ ने ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेकुलरिज्म’ (पीएडीएस) समूह के साथ मिलकर साजिश रची थी. हालांकि, पुरकायस्थ ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और फर्जी हैं और चीन से एक पैसा भी नहीं लिया गया है.