
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में बढ़ती दुर्घटनाओं के लिए सड़क संबंधी खराब इंजीनियरिंग सबसे अधिक जिम्मेदार है. इसमें कमी लाने के लिए राजमार्ग मंत्रालय गुणात्मक निविदा प्रक्रिया को अपनाने की तैयारी में है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, विभिन्न सड़क निर्माण संबंधित परियोजनाओं के लिए बोलियों के चयन को सदियों पुरानी कम लागत वाली चयन प्रक्रिया के स्थान पर गुणवत्ता लागत आधारित प्रणाली को तरजीह देंगे. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, इसका मकसद देश में बुनियादी ढांचे से संबंधित विभिन्न कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाना है.
डीपीआर तैयार करते समय ध्यान रखने की जरूरत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि हाल ही में देश में सात सड़कों का सड़क सुरक्षा ऑडिट किया गया था. इसमें अकेले पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगभग 57 इंजीनियरिंग संबंधी कमियां पाई गईं, जबकि अन्य सड़क परियोजनाओं में कुछ खामियां सामने आईं. उनके मुताबिक, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करते समय सड़क इंजीनियरिंग समाधान का ध्यान रखा जाना चाहिए. लिहाजा, हादसों में कमी आने लाने के लिए सड़क मंत्रालय विभिन्न परियोजनाओं के लिए जल्द ही कम लागत वाली बोली प्रक्रिया के बजाय गुणात्मक निविदा प्रक्रिया अपनाएगा.
पराली जलाने के मुद्दे को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि किसानों को जैव ईंधन उत्पादन के लिए फसल अवशेष बेचने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव दिया गया है. इससे ग्रामीण, कृषि और आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक उत्थान में योगदान मिलेगा.
ऊर्जा विकास के लिए जैव ईंधन को बढ़ाने की जरूरत
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि के लिए जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधन का समर्थन किया. बुधवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) शिखर सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने इथेनॉल उत्पादन के लिए टूटे हुए चावल और गन्ने जैसे अधिशेष उत्पादों का उपयोग करने की क्षमता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, इससे सरकार को एमएसपी पर इन उत्पादों को खरीदने की आवश्यकता कम हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए पूर्वोत्तर भारत के बांस संसाधनों का लाभ उठाना चाहिए.
देश में सात सड़कों का सड़क सुरक्षा ऑडिट हाल ही में हुआ था. अकेले पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगभग 57 इंजीनियरिंग संबंधी कमियां पाई गईं. -नितिन गडकरी , केंद्रीय मंत्री