
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है. नई लोकसभा का पहला सत्र गत सोमवार को शुरू हुआ था. इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे. 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे.
उन्होंने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है. कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.
संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी क्यों?
संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी है. राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित किया जाता है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा बताती है. यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार के कामकाज का उल्लेख करता है. इस दौरान आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है.
घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचेंगी
मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचीं. प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी ने संसद भवन के गज द्वार पर उनका स्वागत किया. यहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड ‘सेंगोल’ की अगुवाई में निचले सदन के कक्ष तक ले जाया गया.
प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को जवाब दे सकते हैं
मुर्मू के अभिभाषण के बाद सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं.
विपक्ष ने बनाई खास रणनीति
विपक्ष नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.